ये मंत्र बोलते हुए शिव जी को चढ़ाएं ये फूल, रोग-शोक का होगा नाश

Monday, May 18, 2020 - 07:58 AM (IST)

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हिन्दू धर्म से जुड़े शास्त्रों में ऐसे अनेक पेड़-पौधों का उल्लेख है जो न सिर्फ मनुष्य जीवन को आसान बनाते हैं बल्कि बहुत-सी परेशानियों से भी बचाते हैं। आक ऐसा ही एक पौधा है जो आपको परिवार और जीवन में अनेक परेशानियों से मुक्ति दिला सकता है।  


सफेद आक  को ‘मंदार’, आक, ‘अर्क’ और अकौआ भी कहते हैं। इसका पौधा छोटा और छत्तादार होता है। हरे सफेदी लिए पत्ते पकने पर पीले रंग के हो जाते हैं। इसके छोटे छत्तादार सफेद फूल पर रंगीन चित्तियां होती हैं। आक की शाखाओं में दूध निकलता है। यह गर्मी के दिनों में रेतीली भूमि पर होता है। चौमासे में पानी बरसने पर सूख जाता है।


यह भ्रान्ति है कि आक का पौधा विषैला होता है तथा मनुष्य को मार डालता है। इसके विपरीत यदि आक का सेवन उचित मात्रा में, उचित तरीके से, चतुर वैद्य की निगरानी में किया जाए तो अनेक रोगों में इससे बड़ा लाभ होता है। सफेद आक का पौधा आसानी से कहीं भी मिल सकता है। वैसे अधिकतर यह शुष्क और ऊंची भूमि में देखने को मिलता है। सफेद आक का पौधा करीब 5 फुट चौड़ा और 7 फुट ऊंचा होता है। इसके पत्ते बरगद के पत्तों के समान मोटे होते हैं। सामान्य आक के पत्ते हरे रंग के होते हैं, लेकिन सफेद आक के पत्ते सफेद रंग के ही होते है।

शिवजी के पूजन में इसके सफेद रंग के फूलों का प्रयोग होता है जो भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं क्योंकि भगवान शिव का पसंदीदा रंग भी सफेद है। सफेद आक के फूलों से शिव पूजन करें, भोले बाबा की कृपा होगी।


श्वेतार्क की समिधाओं में ‘ऊँ जूं स: रुं रुद्राय नम: स: जूँ ऊँ’ मंत्र जपते हुए हवन सामग्री होम किया करें रोग-शोक का नाश होने लगेगा।

Niyati Bhandari

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