कोई नहीं तोड़ पाएगा इस वशीकरण की काट

Friday, May 04, 2018 - 05:25 PM (IST)

किसी विचारक ने कहा है कि किसी भी समस्या से संवाद का विकल्प हमेशा खुला रखें ताकि जब भी संभव हो समाधान का एक रास्ता खुला रहे। सवाद से बड़े से बड़ा हल निकाला जाता है। किसी गांव में एक भेडि़ए का बड़ा आतंक था। अक्सर भेडिय़ा लोगों को अपना शिकार बनाता और मौका देखते ही गांव के बच्चों को लेकर जंगल में भाग जाता था। गांव के लोग उस भेडि़ए से बहुत खौफजदा रहते थे। 


तभी उस गांव में एक बड़े संत का आगमन हुआ जिनकी बड़ी ख्याति थी। उनके बारे में यह बात प्रचलित थी कि वे किसी भी पशु-पक्षी से उसकी भाषा में बात कर सकते थे। गांव वालों ने भेडि़ए से संबंधित सभी बातें उनको बताईं। संत ने भेडि़ए का सामना करने की योजना बनाई और एक दिन वह जंगल की ओर चल पड़े। गांव के कई लोग डरते-डरते उनके पीछे चल रहे थे। तभी सामने वह भेडिय़ा नजर आया। संत और भेडि़ए की नजर मिली। वह संत की तरफ दौड़ कर आने लगा, तभी संत ने कुछ कहा और भेडिय़ा वहीं 
शांति से खड़ा हो गया। 


उन्होंने भेडि़ए से उसकी ही भाषा में कहा, ‘तुमने इस गांव का बहुत नुक्सान कर दिया, यहां के लोग तुमसे बेहद डरे हुए हैं। यदि तुमको अगला जन्म मनुष्य का या मोक्ष चाहिए तो तुमको इन हरकतों को तत्काल बंद करना होगा।’ यह सुनकर भेडिय़ा बोला, ‘गांव वालों ने मेरे बच्चे को बिना किसी गलती के मार दिया और गांव वाले मुझे शांति से गांव में रहने भी नहीं देते।’ 


संत ने कहा, ‘तुम्हारी एक जान के बदले तुमने इनकी कई जानें लीं। अभी भी समय है, मैं तुमसे एक अंतिम संवाद करने आया हूं, सुधर जाओ। यह सुन भेडिय़ा संत के पास आ गया और उनके चरण में नतमस्तक होकर बैठ गया। संत ने कहा कि तुम अब वायदा करो कि आगे से कभी किसी को हानि नहीं पहुंचाओगे, तब तुमको गांव वाले भी शांति से रहने देंगे। भेडि़ए ने कहा कि मैं आज के बाद जीवन भर इस गांव के प्रहरी के रूप में काम करने की प्रतिज्ञा करता हूं। संत ने उसे गांव में प्रवेश की इजाजत दे दी। 


उसके बाद उस भेडि़ए ने कभी भी गांव में कोई नुक्सान नहीं किया और कुछ ही समय में वह वहां का चहेता बन गया। कुछ वर्ष बाद जब उसकी मृत्यु हुई तो गांव के हर व्यक्ति की आंखों में आंसू थे, मानो उनका अपना कोई इस दुनिया को छोड़कर चला गया हो। एक अमरीकी विचारक ने कहा कि हमारी जिन्दगी की 90 फीसदी शिकायतें दूर हो जाएं, यदि लोग एक-दूसरे के बारे में बोलने की बजाय एक-दूसरे से बोलना शुरू कर दें। यदि इस बात को हम समझ पाए तो न केवल हमारा जीवन समस्या मुक्त होगा बल्कि हमारी छवि एक विनम्र इंसान की होते देर नहीं लगेगी।

Niyati Bhandari

Advertising