सच्चे कलाकार की यही होती है पहचान

Wednesday, Nov 06, 2019 - 09:04 AM (IST)

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अंग्रेजी और फ्रैंच फिल्मों की प्रख्यात पाश्र्व गायिका और अभिनेत्री मर्लिना दीत्रिश के कार्यक्रम अनेक शहरों में होते थे। दुनिया भर में उनके प्रशंसक थे। एक बार की बात है, पैरिस में मर्लिना का कार्यक्रम था। पैरिस का वह भव्य एवं आलीशान हाल ऑडियंस से खचाखच भरा हुआ था। 

स्वागत कार्यक्रम के बाद मर्लिना को मंच सौंप दिया गया। उनकी पहली प्रस्तुति शुरू ही हुई थी कि हाल में एक बच्चे के रोने की आवाज गूंज उठी। हाल में बैठे लोग परेशान होकर बात करने लगे जिससे शोरगुल होने लगा। मर्लिना ने भी गाना बंद कर दिया। बच्चे की मां ने बच्चे को चुप करवाने का काफी प्रयास किया मगर बच्चा चुप नहीं हुआ। आखिर शॄमदगी के कारण वह महिला बच्चे को लेकर बाहर जाने लगी। तभी माइक पर मर्लिना का मधुर स्वर गूंज उठा, ''कृपया बाहर मत जाइए। बच्चे के रोने की चिंता न कीजिए। आप उसे लेकर अपनी सीट पर बैठ जाइए। महिला ठिठकी, फिर वापस अपनी सीट पर बैठ गई। उसके बाद मर्लिना एक मधुर लोरी गाने लगी जिसे सुनते हुए बच्चा सो गया। बच्चे के सोने पर सबने चैन की सांस ली और फिर मर्लिना ने एक के बाद एक कई गाने गाए।

कार्यक्रम के बाद पत्रकारों ने मर्लिना से पूछा, ''आपने महिला को हाल के बाहर जाने क्यों नहीं दिया? मर्लिना ने हंसकर कहा, ''बच्चों के रोने से कभी परेशान नहीं होना चाहिए, असली संगीत एवं स्वरों का आनंद तो उसी में है। ऐसी बाधाओं का तो आनंद लेना चाहिए और सहजता से स्थिर एवं संतुलित होने का प्रयास करना चाहिए। इस घटना के बारे में जिसने सुना उसने मर्लिना की तारीफ की और कहा कि सच्चे कलाकार की यही पहचान है।

Lata

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