Niti Gyan: ‘दान’ करते समय रखें इन बातों का ध्यान

Thursday, Nov 17, 2022 - 11:22 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कभी-कभी दान देना भी व्यक्ति के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है, अगर उसकी जन्म पत्रिका में दान करने के योग न हों तो। लाल किताब में ऐसे बहुत से योगों का वर्णन है, जिनका अगर हम पालन करें तो अनेक संकटों से बच सकते हैं। इसमें यह बताया गया है कि हमें कौन-सी वस्तु दान करनी चाहिए और कौन-सी नहीं।


यदि जन्म कुंडली के साथ वर्ष फल में भी कोई ग्रह विशिष्ट रूप से आ जाए अथवा जो ग्रह व्यक्ति की जन्म कुंडली में उच्च का हो और अपने स्थायी घर में विद्यमान हो तो उस ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान उस व्यक्ति को नहीं करना चाहिए। ऐसा दान देना भयंकर हानि का कारण बन सकता है।

यदि जन्म पत्रिका में किसी ग्रह को उच्चत्व प्राप्त है तो उस ग्रह से संबंधित कोई भी वस्तु दान न लें।
 
यदि जन्म पत्रिका में किसी ग्रह को नीचत्व प्राप्त है तो उस ग्रह से संबंधित कोई भी वस्तु बिना मूल्य के न लें।

सूर्य के उच्च होने पर गुड़ या गेहूं का दान नहीं करना चाहिए। मंगल के उच्च होने पर मीठी वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए। उच्च के बुध वाले व्यक्ति को कलम और घड़े का दान नहीं करना चाहिए। बृहस्पति के उच्च होने पर पीली वस्तु, चने की दाल, सोना और पुस्तक का दान नहीं करना चाहिए।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
 
शुक्र के उच्च होने पर परफ्यूम व रैडीमेड कपड़ों का दान नहीं करना चाहिए। शनि के उच्च होने पर अंडा, मांस, तेल व काले उड़द दान नहीं करने चाहिए।

यदि जन्म पत्रिका में चंद्र चतुर्थ भाव में है तो आपको कभी भी दूध, जल, अथवा दवा का मूल्य नहीं लेना चाहिए।

यदि गुरु सातवें भाव में हो तो आपको कभी भी कपड़े का दान नहीं करना चाहिए। अन्यथा स्वयं वस्त्रहीन हो जाएंगे अर्थात आप पर इतना अधिक आॢथक संकट आ जाएगा कि आपके स्वयं के पहनने के लिए कपड़े भी नहीं बचेंगे।

यदि आपकी जन्म पत्रिका में शनि 8वें भाव में हो तो कभी भी भोजन, वस्त्र या जूते आदि का दान नहीं करना चाहिए।

—अंकुर नागौरी

Jyoti

Advertising