सद् व्यवहार से बदल सकती है तकदीर की तस्वीर

Friday, Sep 23, 2022 - 11:47 AM (IST)

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एक बार अमरीका के धनकुबेर कारनेगी की पत्नी अकेली ही शाम को पैदल घूमने निकली। संयोग से पानी बरसने लगा। वह बरसात से बचने के लिए रास्ते की एक दुकान पर जाकर खड़ी हो गई। दुकान की छुट्टी हो गई थी। थके-मांदे कर्मचारी घर जाने की जल्दी में थे। किसी ने अपरिचित महिला की ओर देखा तक नहीं। एक साधारण क्लर्क की नजर उस भद्र महिला पर पड़ी। अपरिचित महिला के प्रति शिष्टाचार दिखाते हुए उसने एक कुर्सी भीतर से लाकर रखी और कहा-मैडम क्या मैं आपकी कुछ सेवा कर सकता हूं।

कारनेगी की पत्नी ने बताया-वर्षा के कारण मुझे रुकना पड़ा है। वर्षा बंद होने पर वह महिला धन्यवाद देकर चली गई। दूसरे दिन एक आदमी उसी दुकान में आया और उस क्लर्क से कहा-आपको कारनेगी ने बुलाया है। युवक जब श्रीमती कारनेगी की कोठी पर पहुंचा तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। यह तो वही भद्र महिला है जो कल सायंकाल वर्षा के कारण उसकी दुकान पर रुकी थी। 

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श्रीमती कारनेगी ने युवक को आदरपूर्वक बैठाकर कहा-स्काटलैंड में मैंने बहुत बड़ी जायदाद खरीदी है। वहां के लिए मुझे एक सुयोग्य प्रबंधक की जरूरत है। तुम में वे गुण हैं। अपरिचित व्यक्ति के साथ कल तुम सद्व्यवहार से पेश आए। यह गुण मुझे बहुत पसंद आया। यदि आपको कोई आपत्ति न हो तो आप जैसे सभ्य प्रबंधक को पाकर मुझे अच्छा लगेगा। युवक अपनी बदलती तकदीर की तस्वीर देखता खड़ा रहा। एक छोटे से सद् व्यवहार ने उसकी जीवन की दशा बदल दी। —आचार्य ज्ञान चंद्र

 

Jyoti

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