रामचरितमानस में लिखा है आपकी समस्याओं का हल, ज़रूर जानें
punjabkesari.in Saturday, Aug 29, 2020 - 12:55 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सनातन धर्म से जुड़े प्रत्येक ग्रंथ आदि में मानव जीवन से संबंधित ऐसी बातों का विवरण किया गया है, जिसे अपनाने वाले व्यक्ति का जीवन तो बेहतर होता ही है साथ और भी कई समस्याओं से निजात मिलती है। तो आप अब तक इतना तो समझ ही गए होंगे कि हम आपको धार्मिक शास्त्रों वर्णित कुछ ऐसा ही बताने वाले हैं। तो आपको बता दें आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं। हम बताने वाले हैं हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से श्री रामचरितमानस में उल्लेखित ऐेसे दोहों के बारे में जिनके जाप से आपको अपने जीवन की तमाम समस्याओं से निजात मिल सकती है।
कहा जाता है रामचरितमानस के दोहे न केवल श्री राम के जीवन के बारे में बताते हैं बल्कि इनका मंत्र आदि के तौर पर उच्चारण भी किया जाता है। इतना ही नहीं इन दोहों के जप से व्यक्ति की एक प्रकार की नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि श्री रामचरितमानस के कुछ ऐसे दोहे और चौपाईयों के बारे में जिनका महत्व अपने आप में अधिक है।
श्री राम चरित मानस में वर्णित विभिन्न दोहे-
जिस व्यक्ति को अपने जीवन में रोजगार न मिल रहा हो, उसके श्री रामचरितमानस के इस दोहे का जप करना चाहिए।
*बिस्व भरण पोषण कर जोई, ताकर नाम भरत अस होई।
कुछ लोगों को अपने जीवन में अचानक से कई तरह की विपत्तियों का सामना करना पड़ता, जिसका निवारण कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है ऐेसे में इस दोहे का मंत्र के रूप में उच्चारण करना चाहिए।
*जपहि नामु जन आरत भारी, मिटाई कुसंकट होई सुखारी।
जिन छात्रों को अपने शिक्षा में मनचाही सफलता न मिल रही हो, उन्हें उच्च विद्या प्राप्ति के लिए निम्न दोहे का जपना चाहिए।
*गुरु गृह पढ़न गए रघुराई, अलप काल विद्या सबआई।
अविवाहित युवक-युवतियों को अच्छे वर-वधु पाने की इच्छा को साकार करने के लिए इस दोहे को निरंतर मंत्र की तरह जपना चाहिए।
*सुनु सिय सत्य असीस हमारी, पूजहि मनकामना तुम्हारी।
बहुत से बीमारियों ने घेर रखा हो तो ऐसे में रोगों के नाश के लिए व इनसे छुटकारा पाने के लिए इसका जप करें।
*दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, राम राज नहीं काहूंहि व्यापा।
जीवन में आने वाले तमाम संकटों से मुक्ति के लिए तथा ईश्वर का आशीर्वाद पाने के लिए निम्न दोनों दोहों का जप करना चाहिए।
*दीन दयाल विरदु सम्भारी, हरहु नाथ मम संकट भारी।
*कामिहि नारी पियारी जिमी, लोभी प्रिय जिमि दाम।
तेहि रघुनाथ निरंतर, प्रिय लागहु मोहि राम।
इसके अलावा एक दोहा इस प्रकार है-
जिसने एक बार राम नाम का स्वाद चख लिया,
उसे संसार की कोई दूसरी चीज नहीं भाती.
जिसे राम नाम का सहारा मिल गया,
उसे फिर संसार की कोई भी चीज परेशान नहीं कर पाती।
ऐसा कहा जाता है इस दोहे का उच्चारण करने से जातक के जीवन की बड़ी से बड़ी समस्या का निवारण हो जाता है।