Niti Concept: परिश्रम की धुन ही पहुंचाती है मंजिक तक

Monday, Oct 10, 2022 - 11:46 AM (IST)

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जर्मन स्विस कैमिस्ट क्रिश्चियन फैडरिक स्कोन्बिन को नए-नए प्रयोग करना काफी पसंद था। वह अक्सर घर में ही प्रयोग करने बैठ जाते थे। इस कारण कई बार नुक्सान भी होता। उनकी पत्नी जब देखती कि घर के कीमती सामान को नुक्सान पहुंच रहा है तो वह क्रोधित होकर बोलती, इतना तो आप कमाते भी नहीं, जितना आलतू-फालतू के काम करके गंवा देते हो। सामान खराब होता है, सो अलग।

मगर स्कोन्बिन पर इन सबका कोई असर नहीं होता और चुपचाप अपने काम में लगे रहते थे। उन्हें पता था कि बहस करने का अर्थ होगा दिन खराब करना। पत्नी सही थी। लेकिन वह भी क्या करें? उन्हें नई-नई खोज करने का जुनून था। एक दिन पत्नी की अनुपस्थिति में वह प्रयोग के सामान लेकर काम में जुट गए। सहसा कुछ मिश्रण किचन टेबल पर छलक गया। यह देखते ही स्कोन्बिन की सांस अटक गई। अब पत्नी की डांट से बचना मुश्किल है। उन्होंने तुरन्त एक सूती एप्रेन उठाया एवं टेबल पर गिरे हुए द्रव पदार्थ को साफ किया और एप्रेन को आग के सामने सूखने डाल दिया।

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अचानक एक जोरदार विस्फोट हुआ। यह देखकर स्कोन्बिन दंग रह गए। उन्होंने मिश्रण की तरफ ध्यान दिया तो समझ गए कि सूती कपड़े से कुछ कैमिकल लोचा हुआ, जिससे यह विस्फोट हुआ है। 

दरअसल अनजाने में ही स्कोन्बिन ने नाइट्रोसैल्युलोज का आविष्कार कर दिया था। इसी को गन-कॉटन के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद स्कोन्बिन अपने इस आविष्कार को बेचने लगे। उनके इस आविष्कार की बाजार में काफी सराहना हुई। इस आविष्कार से उनके घर के हालात बदल गए। वह आर्थिक रूप से काफी समर्थ हो गए। उनकी पत्नी को भी अहसास हो गया कि स्कोन्बिन नए-नए प्रयोग करने की अपनी धुन के कारण ही कामयाबी की मंजिल तक पहुंच पाए।

Jyoti

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