चांदनी रात में खिलता है रातरानी का पौधा, वास्तु दोष से भी दिलवाता है राहत

Sunday, Aug 30, 2020 - 03:16 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र में पौधों से निकलने वाली ऊर्जा के बारे में बहुत अच्छे से विवरण किया गया है। इसमें तुलसी के पौधे से लेकर पीपल तक बताया गया है कि इनके द्वारा निकलने वाली ऊर्जा हमारे लिए कैसी होती है। इसी से संबंधित एक पौधे के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिससे रातरानी के नाम से जाना जाता है कहा जाता है रातरानी के फूल मदमस्त खुशबू बिखेरने वाले होते हैं जो चांदनी रात में खेलते हैं। इन की महक इतनी तेज होती है कि अपने से बहुत दूर तक के लोगों को मौका देती है। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि इस के छोटे-छोटे फूल कुछ ही में आते हैं जो रात में खेलते हैं और सवेरे सिकुड़ जाते हैं। जिस कारण इसे रातरानी नाम दिया गया है। बताया जाता है कि एक सदाबहार झाड़ी वाला रातरानी का पौधा 13 फुट तक लंबा हो सकता है। इसकी पत्तियां सरल संकीर्ण, चाकू जैसी लंबी, चिकनी व चमकदार होती हैं। इसका फूल एक दुबला ट्यूबलर जैसा हरा और सफेद होता है। 

लेकिन यह पौधा वास्तु के अनुसार हमें किस तरह के फायदे देता है चलिए जानते हैं इस बारे में-

वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि रातरानी के फूल 1 वर्ष में केवल 5 या 6 बार ही आते हैं जो हर बार 7 से 10 दिन  तक अपनी खुशबू बिखेरते हैं, जिससे वातावरण में शांति तथा सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। इतना ही नहीं इसकी सुगंध में इतनी ताकत होती है कि यह अपने आसपास के वास्तु दोष का पूरी तरह से नाश कर सकने में सक्षम होती है।


कहा यह भी जाता है कि इसकी सुगंध यह थी रहने से व्यक्ति के जीवन के सारे संत आप हमेशा हमेशा के लिए मिल जाते हैं साथ ही साथ मानसिक तनाव जैसे लोग कभी समीप भी नहीं आते। चिंता, भय व घबराहट जैसी परेशानियों को दूर करने में रातरानी पौधे की सुगंध को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।


आपने से बहुत से लोगों ने सुना होगा कि महिलाएं बालों में गजरा लगाती है जिससे उनकी सुंदरता में चार चांद जाती है। मगर यदि बात करें रातरानी और चमेली के फूलों से बने गजरे की तो कहा जाता है इसे लगाने से महिलाओं का मन हमेशा प्रफुल्लित और प्रसन्नता अनुभव करता है।


बता दें आज कल रात रानी के फूलों की महक से बने इत्र भी आसानी से मिल जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार इस चित्र का प्रयोग मानसिक तनाव को दूर करने अच्छी सेहत के लिए करना चाहिए। खासतौर पर विवाहित लोगों को बेडरूम में तथा नहाने के दौरान इसकी सुगंध का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए कहते हैं इस इत्र सुगंध में स्नान करने से व्यक्ति का मस्तिष्क से जुड़ा दर्द हमेशा हमेशा के लिए चला जाता है। साथ ही साथ पूरा दिन बदन में ताजगी का एहसास होता है जिससे मन में सकारात्मकता का भाव पैदा होता है और सोच अच्छी होती है।


 

Jyoti

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