Welcome 2020: बप्पा के दिन से हो रहा है 2020 साल का आगाज़, ऐसे करें आप भी इसकी शुरुआत

Wednesday, Dec 11, 2019 - 12:28 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
न्यू ईयर यानि खुशियों और उमंगों की नई आशाओं का उजाला। कहने का भाव है हर कोई यही चाहता है कि नए साल के आरंभ के साथ उसके जीवन में हर तरफ़ से केवल खुशियां ही खुशियां दस्तक दें। यूं तो नया साल जब भी शुरू होता उसे खास ही माना जाता है। परंतु इस बार नए साल का आरंभ हिंदू धर्म के प्रथम पूज्य देव यानि भगवान गणेश के दिन हो रहा है जिससे इस दिन की अहमियत बढ़ जाती है। क्योंकि जैसे कि सब जानते ही होंगे कि हिंदू धर्म में होने वाले प्रत्येक धार्मिक कार्य व आयोजन में सबसे पहले इनका ही आवाह्न किया जाता है। तो अब जाहिर सी बात है अगर इस बार बुधवार से 2020 साल का प्रारंभ हो रहा है तो गणेश जी की पूजा विशेष रहेगी। तो आइए जानते हैं इस दिन कैसे भगवान गणेश की कृपा पाई जा सकती है।

गणपति जी को स्नान करवाएं
2020 साल के पहले दिन यानि बुधवार को प्रातः स्नान करने के बाद मंदिर में दीपक जलाएं और गणपति जी की प्रतिमा को स्नान करवाएं। इसके अलावा घर के मंदिर में स्थापित सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को भी स्नान करवा सकते हैं।
इसके बाद श्रद्धापूर्वक इनकी आरती करें-
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतवारी ।
कामना को पूर्ण करो जाओ बलिहारी।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

इसके अलावा इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी आपके लिए लाभकारी हो सकता है। संभव बो नए साल की सुबह हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें और प्रयास करें की रोज़ सुबह शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें। मान्यता है हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी संकट कट जाते हैं और समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

मोदक का भोग 
चूंकि बप्पा को मोदक अधिक पसंद है इसलिए इस दिन इन्हें मोदक और लडुओं का भोग ज़रूर लगाएं।
 

Jyoti

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