कभी न चढ़ाएं भगवान शिव को ये चीज़ें वरना...

Monday, Sep 09, 2019 - 03:04 PM (IST)

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जैसे कि ये बात सब जानते ही हैं कि सोमवार का दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने का दिन होता है। भोलेनाथ के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए हर दिन लगे रहते हैं, लेकिन अगर आप हर रोज ऐसा नहीं कर पा रहे तो आप सोमवार के दिन उन्हें खुश कर सकते हैं। कहते हैं कि शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति को मनचाहा वरदान मिलता है। इसलिए हर इंसान को शिवलिंग पूजन करते रहना चाहिए। लेकिन कई बार लोग अंजाने में ही शिवलिंग पर कुछ ऐसी चीज़ें अर्पित कर देते हैं, जिससे कि उन्हें उनकी पूजा का फल नहीं मिलता है। आज हम आपको उन्हीं चीज़ों के बारे में बताएंगे जो भगवान को अर्पण नहीं करनी चाहिए।  

कहते हैं कि भगवान शिव को तांबे के लौटे से शुद्ध जल चढ़ाना चाहिए। उनकी पूजा में कभी भी शंख का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि शंख को असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान व‌िष्‍णु का भक्त था। इसल‌िए व‌िष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है, श‌िव की नहीं। 

तुलसी का पत्ता भगवान व‌िष्‍णु की पूजा में इस्तेमाल होता है और तुलसी महारानी को भगवान ने पत्नी रूप में स्वीकार क‌िया है। इसल‌िए तुलसी से श‌िव जी की पूजा नहीं होती, वे केवल विष्णु की पूजा में प्रयोग होता है। 

ऐसा माना जाता है कि तिल भगवान व‌िष्‍णु के मैल से उत्पन्न हुआ है, इसल‌िए इसे भगवान श‌िव को नहीं अर्प‌ित क‌िया जाना चाह‌िए। 

भगवान श‌िव को अक्षत यानि साबूत चावल अर्प‌ित क‌िए जाने के बारे में शास्‍त्रों में ल‌िखा है। वहीं अगर टूटा हुआ चावल  जोकि अपूर्ण और अशुद्ध होता है, वे कभी भी श‌िव जी को नहीं चढ़ना चाहिए। 

कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक है, जबक‌ि भगवान श‌िव वैरागी हैं, इसल‌िए श‌िव जी को कुमकुम नहीं चढ़ता है। 

ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग पर कभी भी हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है। 

Lata

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