इन हालातों में कभी न रखें सावन के व्रत वरना...

Sunday, Jul 12, 2020 - 06:14 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
13 जुलाई को इस साल के श्रावण माह का दूसरा सोमवार है। इस मास में भोलेनाथ की पूजा के साथ-साथ व्रत आदि करने का भी अधिक महत्व है। खासतौर पर इस दौरान महिलाओं के लिए व्रत उवास रखना शुभ माना जाता है। मान्यता है इस मास में व्रत रखने से पति की उम्र लंबी होती है साथ ही साथ जीवन की तमाम समस्याएं दूर होती हैं। तो वहीं अविवाहित लड़कियों को इस दौरान व्रत के साथ-साथ शिव शंकर की पूजा से मनचाहा वर मिलमे का वरदान प्राप्त होता। मगर आज भी बहुत से ऐसे लोग जो व्रत रखने की सोच लेते हैं, मगर उन्हें इस दौरान ध्यान में रखे जाने वाले नियमों आदि के बारे में कोई जानकारी नहीं होती। यहां तक कि ये भी नहीं पता होता कि किन अवस्थाओं में व्रत रखने से कोई लाभ नहीं मिलता। 

तो अगर आप भी कल व्रत रखने वाले हैं और जानना चाहते हैं कि आपको इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दौरान न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। ताकि व्रत रखने से शरीर में किसी तरह की कमज़ोरी न आएं। 

कहा जाता है कि अशौच अवस्था में व्रत रखना कभी उचित नहीं होता। ऐसा माना जाता है अशौच की अवस्था अर्थात सूतक, जन्म मरण के समय लगने वाली छूत, या मल-मूत्र आदि का स्पर्श हो जाने पर अशुद्ध या मलीन कहलाती है।

जिस व्यक्ति का मन स्थिर न हो उसके लिए व्रत रखना का कोई मतलब नहीं होता। क्योंकि ऐसे में व्रत भंग होने की संभावना बढ़ जाती है। धार्मिक शास्त्रों में व्रत करना एक बहुत बड़े संकल्प के समान होता है, अगर संकल्प पूरा नहीं न हो तो अशुभ प्रभाव पड़ते हैं। 

इसके अलावा रजस्वरा के दिनों के दौरान स्त्रियों को व्रत नहीं करना चाहिए, ऐसी अवस्था में व्रत पूरा नहीं माना जाता । 

शारीरिक स्थिति ठीक न हो तो भी व्रत नहीं करना चाहिए। 

इसके अलावा छोटे बच्चों और वृद्धजनों को अपनी शारीरिक शक्ति के अनुसार फलाहार नहीं करना चाहिए।

 

Jyoti

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