Maa Manokamna Devi Temple: नेपाल में है शक्तिपीठ मां मनोकामना देवी, मन की कामनाएं होती हैं पूरी

Wednesday, Mar 06, 2024 - 12:35 PM (IST)

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Nepal Tourism 2024: हिमालय पर्वतमाला नेपाल की सुरक्षा के लिए कवच का काम करती है इसी वजह से नेपाल कभी किसी मुल्क का गुलाम नहीं रहा। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माऊंट एवरेस्ट सहित 10 में से 8 ऊंची चोटियां नेपाल में स्थित हैं। ये ऊंचे शिखर नेपाल के प्रहरी के रूप में काम करते हैं।

जब त्रिभुवन हवाई अड्डे पर हमारा विमान उतरा तो स्पष्ट था कि भारतीय हवाई अड्डों के मुकाबले नेपाल का यह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा काफी पिछड़ा है। उसको देखकर ही हमें नेपाल की अर्थव्यवस्था का एहसास हो गया। एयरपोर्ट से निकलते व सुरक्षा मापकों के बीच एक बजे काठमांडू के पांच सितारा होटल पहुंचे। 

इस बीच काठमांडू की संकरी सड़कों में गाड़ियों का खूब जाम मिला। मुझे लगा नेपाल के लोगों के पास इतनी गाड़ियां हैं तो फिर नेपाली भारत में काम ढूंढने क्यों आते हैं। चालक से पूछा तो पता चला कि राजधानी में अमीर लोग रहते हैं इसलिए यहां गाड़ियां ज्यादा है लेकिन गाड़ियों के भाव सुनकर मेरे होश उड़ गए। 

Very expensive cars due to tax टैक्स के चलते बेहद महंगी गाड़ियां
चालक ने बताया कि जो मारुति 800 भारत में 3 से 4 लाख में मिलती है। उसकी कीमत नेपाल में 20 लाख (नेपाली रुपया) से ज्यादा है क्योंकि नेपाल में गाड़ियों पर बेतहाशा टैक्स हैं। नेपाल की जनसंख्या साढ़े तीन करोड़ है। यहां 80 प्रतिशत हिन्दू रहते हैं बाकी बौद्ध व अन्य धर्म के लोग हैं। 

नेपाल में पुरुषों को कमाने के लिए विदेशों में जाना पड़ता है क्योंकि नेपाल में उद्योग-धंधे अभी फल-फूल नहीं पाए हैं इसलिए मर्दों को रोजी-रोटी की तलाश में देश छोड़ना पड़ता है।

Most of the women are seen in the markets बाजारों में अधिकतर महिलाएं आती हैं नजर
बाजारों में अधिकतर महिलाएं व लड़कियां ही काम करती दिखाई पड़ती है। यहां तक कि होटलों में भी वेटर का काम भी लड़कियां ही करती नजर आई। होटल से लेकर दुकानों व खेतीबाड़ी में ज्यादा औरतें ही नजर आती हैं। 
 
काठमांडू से ‘बुद्धा एयरलाइन’ की फ्लाइट पकड़कर पोखरा पहुंचने में आधा घंटा ही लगा। सादी हवाई पट्टी पर 48 सीट वाला जहाज उतरा। हवाई अड्डे में जहाज पहुंचने से पहले ही गाड़ी होटल जाने के लिए खड़ी थी।

Facility to ring a bell to call a boat कश्ती बुलाने के लिए घंटे बजाने की सुविधा
गाड़ी सीधा पोखर झील के किनारे तक ले गई। इस झील को पार करके हमें ‘फिशटेल लॉज’ में जाना था। एक नेपाली महिला रस्से वाली कश्ती लिए हमें पार ले जाने के लिए तैयार खड़ी थी। वैसे कश्ती को बुलाने के लिए राजाओं के जमाने जैसे घंटे को बजाने की सुविधा भी थी। 

इस बेड़े में संतुलन बनाने के लिए 6 लोग एक तरफ तो 6 लोग दूसरी तरफ खड़े हो गए। महिला ने रस्सी खींचकर हमें लॉज तक पहुंचा दिया। हमें लगा यह भी बहुमंजिला होटल होगा लेकिन निकला सोच से परे। यह असली नेपाल के पुशतैनी घर जैसा लॉज था जहां गोलाई आकार में कमरे हैं जिनमें हर आधुनिक ऐशो-आराम का सामान मौजूद था।

लॉज के प्रांगण में खिले खूबसूरत फूल, जंगल व झील के बीच इस जगह रहने का अपना ही आनंद था। वास्तव में ‘फिशटेल लॉज’ नेपाल की महारानी जयंती देवी का मकान था जिनकी नेपाल राजघराने के गोलीकांड में मौत हो गई। अब यह लॉज ‘महारानी जयंती देवी ट्रस्ट’ के रूप में काम करता है। इससे जो भी कमाई होती है वह नेपाल के एकमात्र दिल के अस्पताल में जाती है। ये अस्पताल भी महारानी द्वारा ही नेपाल में बनाया गया था।

Abundance of rudraksh trees रुद्राक्ष के पेड़ों की भरमार
बातें करते-करते मेरी नजर पेड़ों पर पड़ी। एक पेड़ की ओर इशारा कर मैंने पूछा कि यह कौन-सा पेड़ है तो पता चला कि वह ‘रुद्राक्ष’ का पेड़ था। उत्सुकतावश मैं पेड़ के नीचे पहुंच गया तभी पेड़ से गिरे रुद्राक्ष नजर आने लगे। मैं रुद्राक्ष को इकट्ठा करने में लग गया। दूसरे लोगों को पता चला तो वह भी भक्तिभाव से रुद्राक्ष उठाने लगे। नेपाल में रुद्राक्ष लोगों की कमाई का मुख्य साधन है।

Arun and Varun rivers अरुण और वरुण नदियां
वहां से आखिरकार साढ़े 4 घंटे के मुश्किल सफर के बाद हम संखुवासभा में अरुण तीन नदी के प्रोजैक्ट पर पहुंच गए। अरुण का अर्थ है सूर्य। नेपाल इसी नदी पर 900 मैगावाट की विद्युत परियोजना बना रहा है। अरुण नदी में वरुण नदी भी मिलती है। अरुण नदी तिब्बत से निकलती है। 

सात बजे का वक्त हो चला था। यहां मौसम ठंडा था। इस वक्त 10 डिग्री तापमान रहा होगा। पहली बार मैं परियोजना में बनी टनल के अंदर जा रहा था। गाड़ी में पांच किलोमीटर अंदर जाने के बाद जैसे ही हम गाड़ी से उतरे पसीने से तरबतर हो गए। टनल के अंदर खुदाई का काम चल रहा था और तापमान 35 डिग्री के ऊपर था। 

Maa Manokamna Devi Temple मां मनोकामना देवी का मंदिर
अगले दिन खाने के बाद दुमलिगटर में ‘मां मनोकामना देवी’ के मंदिर में दर्शन करने निकल गए। मंदिर में दर्शन के बाद मैंने पुजारी से मंदिर के बारे में जानना चाहा उन्होंने बताया कि मनोकामना भगवती गोरखा में स्थित मनोकामना मंदिर भी एक महत्वपूर्ण देवी स्थान शक्तिपीठ माना जाता है। मन की कामना पूरी होती है। ऐसा माने जाने के कारण इस भगवती का नाम मनोकामना पड़ गया। भक्तापुर जिले में स्थित चांगूनारायण मंदिर भी बहुत सुंदर है।

Darshan of Pashupatinath पशुपतिनाथ के दर्शन 
काठमांडू लौट कर पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे। वहां पंडित जी ने हमें तसल्ली से भगवान पशुपतिनाथ के शिवलिंग के दर्शन करवाए। पशुपतिनाथ विग्रह में चारों दिशाओं में एक-एक मुख और एक मुख ऊपर की ओर है। प्रत्येक मुख के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंडल मौजूद है। मान्यता अनुसार पशुपतिनाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग पारस पत्थर के समान है। 

Niyati Bhandari

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