Navratri Puja Rules: नवरात्रि में मां की स्थापना के बाद घर बंद करके जाना सही है या नहीं ? जानिए पूजा के नियम
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 05:00 AM (IST)

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Navratri Puja Rules: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की स्थापना करना एक बहुत ही शुभ और पवित्र कार्य माना जाता है। जो लोग अपने घर में कलश स्थापना या अखंड ज्योति जलाते हैं, उनके लिए कुछ विशेष नियम होते हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या नवरात्रि के दौरान घर को बंद करके कहीं बाहर जा सकते हैं, खासकर जब कलश स्थापना या अखंड ज्योति जल रही हो ? आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
नवरात्रि में घर बंद करके बाहर जाना: क्या कहता है नियम ?
ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में अगर आपने अपने घर में कलश की स्थापना की है या अखंड ज्योति जलाई है, तो घर को बंद करके बाहर जाना बिलकुल भी उचित नहीं माना जाता है। इसके पीछे कई धार्मिक और व्यावहारिक कारण हैं।
अखंड ज्योति का महत्व: अखंड ज्योति का अर्थ है कभी न बुझने वाली ज्योति। यह देवी मां की उपस्थिति का प्रतीक है और यह संकल्प का प्रतीक भी है कि आप नौ दिनों तक मां की आराधना करेंगे। अगर आप घर छोड़कर चले जाते हैं, तो इस ज्योति के बुझने का खतरा रहता है, जिसे एक अपशगुन माना जाता है।
कलश स्थापना की पवित्रता: कलश स्थापना के साथ ही घर में देवी मां का वास माना जाता है। कलश में जल, नारियल और आम के पत्ते मां के दिव्य स्वरूप का प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर आप घर को खाली छोड़कर जाते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि आप मां को अकेला छोड़ रहे हैं, जो कि धार्मिक दृष्टि से सही नहीं है।
नियमों का पालन: नवरात्रि के व्रत और पूजा के कुछ विशेष नियम होते हैं, जैसे सुबह-शाम आरती करना, भोग लगाना और पूजा-पाठ करना। अगर आप घर से बाहर चले जाएंगे, तो इन नियमों का पालन नहीं हो पाएगा, जिससे आपकी पूजा अधूरी मानी जाएगी।
अगर जाना बहुत जरूरी हो तो क्या करें?
कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जब घर से बाहर जाना बहुत ज़रूरी हो जाता है, जैसे कोई आपातकालीन स्थिति। ऐसे में आप इन उपायों का सहारा ले सकते हैं:
अगर आपके परिवार का कोई सदस्य घर पर रुक सकता है, तो यह सबसे अच्छा उपाय है। वह आपकी अनुपस्थिति में पूजा-पाठ, आरती और अखंड ज्योति का ध्यान रख सकते हैं।
अगर आप किसी भी स्थिति में घर पर नहीं रुक सकते और किसी को भी घर पर नहीं छोड़ सकते, तो सबसे पहले अखंड ज्योति को शांत कर दें। इसे बुझाने की बजाय, एक फूल या कपूर से इसे शांत करें और मां से क्षमा मांगें। इसके बाद आप अपनी यात्रा पर जा सकते हैं।
कलश को भी यथास्थान रहने देने की बजाय, उसे उठाकर किसी सुरक्षित स्थान पर रखें और यात्रा से लौटने के बाद फिर से स्थापित करें। लेकिन, यह एक आखिरी विकल्प है क्योंकि इससे पूजा खंडित हो सकती है।