नवरात्रि 2019: 9 दिन लगातार लगाएं मां दुर्गा को इन चीज़ों का भोग

Thursday, Sep 26, 2019 - 12:52 PM (IST)

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शारदीय नवरात्रि का आरंभ इस बार 29 सितंबर से हो रहा है। हिंदू धर्म में चैत्र व शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है। इस दौरान माता के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और इसके साथ ही बहुत से लोग व्रत भी रखते हैं और फलाहार का ही पालन करते हैं। पहले दिन कलश स्थापना के साथ लोग घरों में अखंड ज्योति भी जलाते हैं। ऐसा करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर उनकी कृपादृष्टि बनाए रखती हैं। इसी बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवरात्रि के 9 दिन लगातार माता को खुश करने के लिए किस तरह के भोग उन्हें अर्पित करने चाहिए। 

पहला दिन: नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा का विधान है। इस दिन माता को शुद्ध देसी घी अर्पित करें या फिर घी से बनी कोई मीठ चीज़ बनाकर अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों और बीमारी से मुक्ति मिलती है। 

दूसरा दिन: नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। इस दिन माता को शक्कर, सफेद मिठाई, फलों, मिश्री आदि का भोग लगाना चाहिए। 

तीसरा दिन: तीसरे दिन माता दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन माता को दूध से बने मिष्ठान, खीर आदि का भोग लगाया जाना चाहिए। 

चौथा दिन: इस त्योहार के चौथे दिन कुष्मांडा स्वरूप की पूजा होती है। माता को मालपुआ का भोग लगाना अच्छा रहता है। इसे भोग लगाने के बाद प्रसाद के तौर पर बच्चों के बीच वितरित करें। 

पांचवां दिन: नवरात्रि के पंचमी दिन माता को केले का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि इससे भक्तों को अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिलता है।

छठा दिन: छठे दिन कात्यानी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन माता को शहद का भोग लगाना अच्छा माना जाता है। मान्यता है इससे जीवन में मधुरता आती है और मनुष्य की आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है। 

सातवां दिन: इस दिन माता कालरात्रि की पूजा होती है। इस दिन उन्हें गुड़ या इससे बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है। मां को गुड़ का नैवेद्य चढ़ाने और उसे फिर ब्राह्मणों को दान करने से शोक से मुक्ति मिलती है। 

आठवां दिन: नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा होती है। इस दिन माता के इस रूप को नारियल का भोग लगाया जाता है।

नौवां दिन: आखिरी दिन माता दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा होती है। इस दिन देवी मां को तिल का भोग लगाया जाता है। 

Lata

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