घर में मिलें ऐसे संकेत तो समझ जाएं प्रकृति दे रही है कुछ खास इशारे

Monday, Apr 20, 2020 - 08:11 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

सभी धर्मशास्त्रों के अनुसार संपूर्ण ब्रह्मांड परमपिता परमेश्वर की संरचना है। जीवन से जुडी हर वस्तु ईश्वर की बनाई हुई प्रकृति द्वारा संचालित होती है। जीवन चक्र के सुख-दुख, लाभ-हानि, उत्तपत्ति-विनाश इत्यादि सभी कर्म प्रकृति द्वारा ही संचालित होते हैं। प्रकृति ही हमें भूत भविष्य व वर्तमान का बोध कराकर ज्ञान देती है। इसी ज्ञान को हमारे ऋषि-मुनियों ने संजोकर ज्योतिष व वास्तुशास्त्र की संरचना की है। ज्योतिष व वास्तुशास्त्र के अनुसार कुछ ऐसे संकेत हमें मिलते हैं जिससे हम आने वाले दुर्भाग्य व संकट का पता लगा सकते हैं। इस लेख के माध्यम से हम अपने पाठकों को बताने जा रहे हैं ऐसे कुछ संकेतों के बारे मे जिसके घर में मिलने से आपका गुडलक बदल सकता है बेडलक में।

अकस्मात घर की चलती हुई घड़ियां बंद हो जाएं तो समझ लीजिए कि आपके बनते हुए काम बिगड़ सकते हैं।

घर की छत पर चिड़ियां कबूतर आदि पक्षी मरे हुए मिलें तो समझ लीजिए कि आपके बच्चों की तबियत बिगड़ सकती है।

घर की दीवारों पर अगर सीलन आने लगे तो समझ लीजिए कि आपके मन की शांति छीनने वाली है।

घर में पड़े हुए नमकीन पदार्थों में अगर चींटीयां पड़ जाएं तो समझ लीजिए कि आपके व्यवसाय या नौकरी में दिक्कत आने वाली है।

सड़क का कुत्ता घर की तरफ मुंह करके रोने लगे तो समझ लीजिए कि दुर्घटना होने के संकेत हैं।

तेल के जार में से तेल अगर फर्श पर पानी की तरह बह जाए तो समझ लीजिए कि लाभ के रास्ते रुक जाएंगे।

घर में से सोने के आभूषण गायब या चोरी हो जाए तो बड़ी धन हानि की ओर इशारा है।

घर में लगा हुआ तुलसी का पौधा जल जाए अथवा अकारण सूख जाए तो ये संकेत हैं की कुछ अशुभ होगा।

दूध बार-बार उफान करके बहे तो समझ लीजिए के कोई बहुत ज़्यादा बीमार पड़ने वाला है।

घर में शादीशुदा बहन, बेटी, बुआ, साली, मौसी अगर बिन बुलाए ठहरने हेतु आ जाए तो समझ लीजिए के दुर्भाग्य दस्तक दे रहा है।

सरकारी कागज़ात जैसे की बिल्स, रजिस्ट्री में दीमक लग जाए अथवा गुम हो तो सरकार द्वारा दंडित होने के संकेत हैं।

बार-बार कपड़ो का जलना अथवा फट जाना आपकी सामाजिक बदनामी और फज़ीहत की ओर संकेत देता है।

कांच अथवा चीनी-मिट्टी के बर्तनों में दरार आना होस्पिटल के बिल बढ़ने के संकेत देता है।

 

 

 

 

 

 

Niyati Bhandari

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