National Unity Day 2025: 31 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती
punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 02:13 PM (IST)
 
            
            शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
National Unity Day 2025: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में ऐसे कई महान नेताओं का योगदान है, जिन्होंने देश के आत्म गौरव की प्राप्ति के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इनमें प्रमुख हैं सरदार वल्लभभाई पटेल जो न केवल स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे, बल्कि भारत की एकता और अखंडता के महान शिल्पकार भी थे। उनका योगदान अनमोल और अविस्मरणीय है। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्तूबर, 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले के नडियाद गांव में हुआ था।

उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्वाध्याय से प्राप्त की और फिर लंदन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई की। स्वदेश लौटकर अहमदाबाद में वकालत शुरू की। 1918 में खेड़ा संघर्ष के दौरान किसानों के पक्ष में पहली बार बड़े पैमाने पर संघर्ष किया। 1928 में बारडोली सत्याग्रह में लगान वृद्धि का विरोध किया और सरकार को मजबूर कर दिया कि वह लगान में राहत दे। इस सफलता के बाद उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि प्राप्त हुई।
देश विभाजन के बाद, सरदार पटेल को उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री का पद सौंपा गया। उनकी सबसे बड़ी चुनौती थी, देश की 562 रियासतों को एकजुट करना।
इस कठिन कार्य को उन्होंने अपनी अद्भुत कूटनीति और दृढ़ इच्छाशक्ति से बिना किसी रक्तपात के पूरा किया। जूनागढ़ और हैदराबाद की रियासतों का भारतीय संघ में विलय उनकी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता का उदाहरण है।

सरदार पटेल ने भारतीय नागरिक सेवाओं (आई.सी.एस.) का भारतीयकरण किया और इसे भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आई.ए.एस.) में बदल दिया। उनका मानना था कि एक मजबूत प्रशासन राष्ट्र की सुरक्षा और स्थिरता की नींव है।
13 नवम्बर, 1947 को उन्होंने सोमनाथ मंदिर के पुननिर्माण का संकल्प लिया, जिसे तब की सरकार के विरोध के बावजूद पूरा किया। उनकी दृष्टि में भारत की एकता और अखंडता का संरक्षण सर्वोपरि था। बीमारी के बावजूद उन्होंने कार्य करना जारी रखा। अंतत: 15 दिसम्बर, 1950 को बॉम्बे के बिरला हाऊस में उनका निधन हो गया।

5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त किया गया और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया। सरदार पटेल के सपने को साकार करने का यह ऐतिहासिक कदम था। भारत सरकार ने उनके सम्मान में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ नामक विशाल प्रतिमा का निर्माण किया, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।
इसके अलावा, 31 अक्तूबर  को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 1991 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। सरदार पटेल का कहना था, ‘यदि देश की एकता को बनाए रखना है, तो हमें अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होना होगा।’ उनके द्वारा किया गया कार्य और उनके सिद्धांत आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।  


 
                    