National Doctor’s Day 2019: जानें, डॉक्टर्स को क्यों समर्पित है ये दिन

Monday, Jul 01, 2019 - 11:00 AM (IST)

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मानसा (जस्सल): भारत में 1 जुलाई को डाक्टर्स-डे के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह दिवस ‘अहिंसा दिवस’ के तौर पर मनाया जाएगा, जबकि बाकी देशों में यह दिन अलग-अलग तारीखों को मनाया जाता है। आज के दिन डाक्टर प्रण लेते हैं कि वे सही तरीके से मरीजों की सेवा करेंगे। यह दिवस डाक्टर और मरीजों के बीच विश्वास की भावना को मजबूती प्रदान करता है। डाक्टर दिवस के मौके पर अलग-अलग शहरों में कुछ समाज सेवी संस्थाएं अपने इलाके के डाक्टरों को सम्मानित भी करती हैं।

भारत रत्न डा. बी.सी. राय के जन्मदिवस को समर्पित है यह दिवस
भारत के महान सपूत, सच्चे राजनीतिज्ञ, शिक्षाशास्त्री, भारत रत्न डा. बी.सी. राय के जन्मदिन पर डाक्टर दिवस मनाया जाता है। वह 1 जुलाई 1882 को पटना में पैदा हुए थे। उन्होंने एम.बी.बी.एस., एम.आर.सी.बी. व एफ.आर.सी.एस. करने उपरांत 1911 से बढिय़ा डाक्टरी सेवाएं करने के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ देश की आजादी की लहर में हिस्सा लिया। देश की आजादी उपरांत वे पश्चिमी बंगाल के मुख्यमंत्री बने व 1 जुलाई 1962 को दुनिया छोड़ गए। उनकी याद में 1976 में डा. बी.सी. राय अवार्ड भी चालू किया गया।

हिंसक वारदातों के दौर में अहिंसा का संदेश 
देश के कुछ अस्पतालों में बढ़ रही हिंसक वारदातों कारण इस बार इंडियन मैडीकल एसो. की तरफ से इस दिन को ‘अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। हिंसा को रोकने के लिए पंजाब प्रोटैक्शन ऑफ मैडीकेयर सर्विसपर्सन एंड मैडीकेयर सर्विस इंस्टीच्यूशन्ज एक्ट 2008 पास किया हुआ है। इसके अनुसार हिंसा के दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को सजा दी जा सकती है। 

आसान नहीं पेशा
डॉक्टर बनने के लिए मुश्किल पढ़ाई करनी पड़ती है। यह बहुत ही कठिन और तपस्या वाला काम है। हर रोज डॉक्टर को 14 से 16 घंटे तक अलग-अलग भयानक बीमारियों वाले मरीजों के साथ जूझना पड़ता है। 

इस दिवस पर डॉक्टरों को यह प्रण लेना चाहिए कि वह अपना निजी हित छोड़कर अधिक से अधिक मानवता की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि समूह डाक्टरों को चाहिए कि वह सामाजिक कुरीतियों, नशों आदि खिलाफ भी अपनी आवाज बुलंद करें। 
-डा. सुरिंद्र सिंह, सिविल सर्जन

डॉक्टरों पर मरीज बेहद विश्वास करते हैं। डॉक्टरों को कोशिश करनी चाहिए वह उनके ऊपर किए जाने वाले भरोसे को कायम करने के लिए हर संभव प्रयास करें, क्योंकि मरीजों को ठीक करने के लिए डाक्टर को ईश्वर का रूप माना जाता है। 
-डा. पुरुषोत्तम जिन्दल

ज्यादातर लोग डाक्टरों को परमात्मा का दूसरा रूप समझते हैं, क्योंकि वह उनकी शारीरिक तकलीफों को दूर करके उनको नई जिंदगी देते हैं। लोगों के दिलों में गलत फहमियां दूर करने के लिए डाक्टरों को सार्थक भूमिका निभानी चाहिए। 
-डा. रमेश कटौदिया

आज इस दिवस पर कन्या भ्रूणहत्या, नशे, एड्ज व अन्य बीमारियों के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए जागरूकता कैंप, रैलियां या सैमीनार करवाने चाहिएं व मरीजों की मानसिक व शारीरिक स्थिति को मजबूत बनाने के सार्थक यत्न करने की भी जरूरत है। 
-डा. हरपाल सिंह

डाक्टरों को भी चाहिए कि वह मरीजों की भावनाएं समझ कर अच्छे ढंग के साथ मरीजों का इलाज करें। डॉक्टरों का लक्ष्य सिर्फ पैसे कमाना ही नहीं होता है बल्कि मरीजों को उनकी बीमारियों से मुक्ति दिलाना होता है। 
-डॉ. यशपाल गग

Niyati Bhandari

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