Narak Chaturdashi 2020: सुंदर रूप पाने के हैं इच्छुक तो ज़रूर करें ये काम

Thursday, Nov 05, 2020 - 06:31 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अगर धार्मिक दृष्टि से देखें तो दिवाली का पर्व अपने साथ कई अन्य त्यौहार लाता है, जैसे धनतेरस नरक चतुर्दशी आदि। दिवाली की ही तरह ये सब पर्वों का भी अधिक महत्व होता है। नरक चतुर्दशी की बात करें इस दिन से संबंधित कथा ये जुड़ी है कि श्रीकृष्ण ने भौमासुर जिसे नरकासुर का वध किया था, उसकी कैद से लगभग 16 हज़ार महिलाओं के मुक्ति दिलाई थी। कहा जाता है इसी खुशी को जाहिर करने के लिए दीप गए थे। बता दें प्रत्येक मास में 02 चतुर्दशी और वर्ष में 24 चतुर्दशी होती, जिसे चौदस  कहा जाता है। कहा जाता है इस दिन इस व्रत आदि करने का अधिक लाभ होता है। मगर दिवाली के साथ पड़ने वाली चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी कहते हैं इसलिए इसे ज्यादा खास माना जाता है। इस दिन को छोटी दिवाली, रूप चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है, जिस दौरान यम पूजा, कृष्ण पूजा और काली पूजा की जाने का विधान है। आज हम आपको नरक चतुर्दशी पर किए जाने वाल ऐसे ही उपायों के बारे में बताने वाले हैं जिन्हें इस दिन करने से आपको सुंदरता के वरदान के साथ-साथ और भी कई तरह का लाभ प्राप्त होगा। आइए जानें कौन से हैं वो खास उपाय-

इस दिन व्यक्ति को प्रातःकाल उठकर सूर्योदय होने से पहले उबटन लगाकर नीम, चिचड़ी आदि जैसे कड़ुवे पत्ते डाले गए जल से स्नान करना चाहिए है। अगर ऐसा करना संभव न हो तो पहले केवल चंदन का लेप लगाएं, और उसके सूख जाने के बाद तिल एवं तेल से स्नान करें। ध्यान रहे इसके बाद सूर्यदेव को अर्ध्य ज़रूर दें।

काली चौदस के दिन श्री कृष्ण की पूजा ज़रूर करें। इस दिन इनकी आराधना करने वाले जातक के सभी तरह के संताप मिटते हैं और व्यक्ति बंधन मुक्त हो जाता है।
 

चूंकि इस दिन को काली चौदस कहा जाता है इसलिए इस खास दिन माता कालिका की विशेष पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं तथा हर तरह की मनोकामना देवी कालिका के आशीर्वाद से पूरी होती है।

शास्त्रों के अनुसार इस दिनव घर की दहलीज़ पर दीए जलाने के साथ-साथ यम की पूजा ज़रूर करनी चाहिए। ऐसा करने से जातक को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।


इस दिन शिव चतुर्दशी भी होती है, इसलिए नरक चतुर्दशी के दिन भगवान शिव को पंचामृत अर्पित करना चाहिए, साथ ही साथ देवी पार्वती की पूजा भी करें, लाभ प्राप्त होता है।
 

दीए जलाते समय इस दिन इस बात का ख्याल रखें कि सूर्यास्त के बाद अपने घरों के दरवाजों पर चौदह दीए जलाएं, जिनका मुख दक्षिण दिशा में हो।


क्योंकि इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है, जो भी जातक इस दिन हनुमान जी की पूजा करता है उसे अपने जीवन में हर तरह के भय से राहत मिलती है।

Jyoti

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