Jigyasa: ऐसे पड़े साल के 12 महीनों के नाम

Wednesday, Apr 21, 2021 - 06:51 PM (IST)

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हमारे जीवन में कैलेंडर का बहुत महत्व है। प्रचलित कैलेंडर वर्ष में 12 महीने होते हैं जिनके नाम इस प्रकार पड़े हैं:
जनवरी : वर्ष के पहले महीने जनवरी का नाम रोमन देवता ‘जेनस’ के नाम पर पड़ा है। मान्यता है कि ‘जेनस’ के दो चेहरे हैं। एक से वह आगे तथा दूसरे से पीछे देखते हैं। इस तरह जनवरी के भी दो चेहरे हैं। एक से वह बीते वर्ष को देखता है तथा दूसरे से वह अगले वर्ष को। जेनस को लैटिन भाषा में ‘जैनअरिस’ कहा जाता था जो बाद में जेनुअरी (जनवरी) हो गया।
फरवरी : इस महीने का संबंध लैटिन के शब्द ‘फैबरा’ से है। इसका तात्पर्य है शुद्धि की दावत। पहले इस माह में 15 तारीख को लोग शुद्धि की दावत दिया करते थे। कुछ लोग फरवरी नाम का संबंध रोम की एक देवी ‘फेबरएरिया’ से भी मानते हैं जो संतानोत्पत्ति की देवी मानी गई है।
मार्च : रोमन देवता ‘मार्स’ के नाम पर पड़ा है मार्च महीने का नाम। रोमन वर्ष का प्रारंभ इसी महीने से होता था। मार्स ‘माॢटअस’ का अपभ्रंश है जो आगे बढऩे की प्रेरणा देता है। शरद ऋतु समाप्त होने पर लोग दुश्मन देश पर आक्रमण करते थे। इसलिए इस महीने का मार्च नामकरण हुआ है।
अप्रैल : इस महीने की उत्पत्ति लैटिन शब्द ‘एस्पेरायर’ से हुई है जिसका भाव है खुलना। रोम में इस माह कलियां खिल कर फूल बनती थीं अर्थात बसंत का आगमन होता था। प्रारंभ में इस महीने का नाम ‘एप्रिलिस’ रखा गया था।
मई : रोमन देवता मरकरी की माता ‘मइया’ के नाम पर मई महीने का नामकरण हुआ है। मई नाम की उत्पत्ति लैटिन के ‘मेजोरेस’ शब्द से भी मानी जाती है।
जून : इस महीने शादी करके लोग घर बसाते थे इसलिए परिवार के लिए उपयोग होने वाले लैटिन शब्द जेन्स के आधार पर जून का नामकरण हुआ है। एक अन्य मतानुसार जून महीने का नाम जीयस देवता की पत्नी ‘जूनो’ के नाम पर पड़ा माना जाता है।
जुलाई : राजा जूलियस सीजर का जन्म एवं मृत्यु दोनों जुलाई में हुई थी इसलिए इस महीने का नाम जुलाई कर दिया गया।
अगस्त : जूलियस सीजर के भतीजे आगस्टस सीजर ने अपने नाम को अमर बनाने के लिए ‘सेक्सटिलिस’ का नाम बदल कर अगस्टस कर दिया जो बाद में केवल अगस्त रह गया।
सितम्बर : रोम में सितम्बर को ‘सैप्टेंबर’ कहा जाता था। लैटिन भाषा के शब्द ‘सेप्टै’ का अर्थ ‘सात’ एवं ‘बर’ का अर्थ है ‘वां’ यानी ‘सेप्टैंबर’ का मतलब हुआ ‘सातवां’ किन्तु बाद में यह नौवां महीना बन गया।
अक्तूबर : अक्तूबर महीने का नाम लैटिन भाषा के शब्द ‘आक्ट’ के आधार पर पड़ा है जिसका अर्थ है ‘आठवां’ परंतु दसवां महीना होने पर भी इसका नाम अक्तूबर ही चलता आ रहा है।
नवम्बर : नवम्बर शब्द लैटिन भाषा के शब्द ‘नोवेम्बर’ से बना है जिसका अर्थ है नौवां पर ग्यारहवां महीना बनने के बावजूद भी इसका नाम नहीं बदला गया।
दिसम्बर : लैटिन शब्द ‘डेसेम’ यानी 10 के आधार पर दिसम्बर महीने को ‘डेसेम्बर’ कहा गया है। वर्ष का 12वां महीना होने पर भी इसका नाम नहीं बदल सका।
—रमेश बग्गा चोहला

Jyoti

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