Name plate भी बन सकती है घर के विनाश का कारण

Thursday, Jan 24, 2019 - 01:07 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)


आपको जानकर हैरानी होगी की घर के बाहर लगी नेम प्लेट भी विनाश का कारण हो सकती है। उस पर भी सकारात्मक एवं नकारत्मक ऊर्जा का प्रभाव रहता है। यदि कोई नवजात बच्चा घर के अंदर आते ही जोर-जोर से रोने लगे तो समझ जाएं वास्तु दोष का साया मंडरा रहा है। ऐसे घरों से दुख कभी बाहर नहीं जाते बीमारियों अथवा गृह क्लेश के रूप में समस्याएं पैदा करते हैं। घर के मेन गेट पर लगी नेमप्लेट भी वास्तु दोष को अंदर आने से रोकती है। घर व ऑफिस के बाहर नेम प्लेट लगाने का चलन विश्व के सभी देशों में हैं। सभी का प्रयास रहता है कि उनकी नेम प्लेट आकर्षक, स्टालिश, डिजाईनर और दूसरों से अलग हो। सामान्यतः नेम प्लेट लकड़ी, प्लास्टिक, ग्रेनाईट, मार्बल, पीतल इत्यादि जैसे मटेरियल की विभिन्न आकार-प्रकार एवं रंगों की बनवाकर लगवाई जाती है। नेम प्लेट से तात्पर्य वह प्लेट जिसके ऊपर वहां रहने वाले का नाम, घर व ऑफिस का नाम एवं पता इत्यादि दर्शाया जाता हो। नेम प्लेट के लिए वास्तु के नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए।

नेम प्लेट व उस पर लिखावट के लिए सफेद, क्रीम, ऑफ व्हाईट, लाल, सिन्दूरी, केसरिया, पीला रंग या इन्हीं रंगों से मिलते-जुलते रंगों का उपयोग करना चाहिए परंतु यह ध्यान अवश्य रखें कि लाल, सिंदूरी या केसरी रंग का उपयोग प्रमुखता से किया जाए। जैसे सफेद, हल्का पीला, आफ व्हाईट इत्यादि रंग की प्लेट पर तथा लाल, सिंदूरी या केसरी रंग से नाम लिखा जाए। लाल व इससे मिलते-जुलते रंग वहां रहने वालों की प्रसिद्धि बढ़ाने में सहायक होते हैं। जबकि इसके विपरीत घर के सामने लगी ब्ल्यू, ब्लैक, ग्रे या इससे मिलते-जुलते रंगों की नेम प्लेट वहां रहने वालों के यश में कमी करती है।

नेमप्लेट मुख्यद्वार के बाईं तरफ लगाने से घर में गुड लक आता है।

नेमप्लेट वृत्ताकार, त्रिकोण और विषम आकृति की होनी चाहिए।

नेमप्लेट के सामने किसी भी तरह का सफाई संबंधित सामान न रखें।

नेमप्लेट पर किसी भी तरह के चित्र नहीं बनवाने चाहिए।

कुंभ के बारे में कितना जानते हैं आप !

Niyati Bhandari

Advertising