5 अगस्त को देश के विभिन्न कोनों में मनाई जाएगी नाग पंचमी

punjabkesari.in Sunday, Aug 04, 2019 - 12:38 PM (IST)

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जम्मू:
हमारे शास्त्रों में तिथि को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। जिस तिथि के जो देवता बताए गए हैं, उन देवताओं की पूजा, उपासना उसी तिथि में करने से सभी देवता उपासक से प्रसन्न हो उसकी अभिलाषा को पूर्ण करते हैं। पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं। इस दिन नाग की पूजा से भय तथा कालसर्प योग का शमन होता है।

इस विषय में श्री कैलख वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागों की पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस तिथि को भगवान शिव के आभूषण नागों की पूजा की जाती है और इस वर्ष 5 अगस्त सोमवार को नागपंचमी है। जम्मू (डुग्गर संभाग) में कुछ लोग भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की ऋषि पंचमी के दिन नाग पंचमी मनाते हैं। 5 अगस्त को नाग पंचमी मनाई जाएगी। कई लोग धन धान्य की इच्छा से नाग पंचमी का व्रत करते हैं।

यह नागपंचमी का त्यौहार हमें यह बताता है कि हमारे देश में सभी जीव जंतुओं को सम्मान दिया जाता है क्योंकि प्रकृति के संतुलन के लिए सभी जरूरी हैं, किसी एक की भी कमी से यह संतुलन बिगड़ जाता है। नागपंचमी के दिन भगवान शिव के साथ नाग की पूजा करने से अनेक दोष समाप्त हो जाते हैं।  नाग के कई नाम हैं जैसे शेष, अनंत, वासुकि, शंख, पद्म, कंबल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट, शंखपाल, कालिय, तक्षक व पिंगल इन 12 नागों की 12 महीनों में पूजा करने का विधान है।

इस दिन नाग देवता के मंदिर में श्रीफल, दूध, मीठा रोट, फूल, फूल माला चढ़ाए जाते हैं। सर्प के प्रकोप से बचने के लिए नाग पंचमी को नागों की पूजा की जाती है। इस दिन पारंपरिक रूप से नाग देवता की पूजा करते हैं और परिवार के कल्याण के लिए उनके आशीर्वाद की मांग की जाती है।
 


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Jyoti

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