यहां नाग पंचमी पर लगती है नागों की अदालत, जानें इस जगह का रहस्य

Sunday, Jul 26, 2020 - 04:27 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
बीते दिन देश के कई हिस्सों नें नाग पंचमी का त्यौहार मनाया गया। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन नागों के देवता की पूजा का अधिक महत्व है। कहा जाता है इस दिन नागों के पूजा व सेवा से सर्प के काटने का भय नहीं रहता न ही कुंडली में कालसर्प दोष अति पीड़ा देता है। इतना ही नहीं बल्कि कहा जाता है चूंकि नाग देवता देवी लक्ष्मी की रक्षा करता है, यानि धन संपदा की रखवाली करते हैं। इसलिए इस दिन इनकी पूजा-अर्चना से धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होने के योग भी बनते हैं। अपनी वेबसाइट के माध्यम से इस तरह की तमाम डानकारी अब लगभग आप तक पहुंचा चुके हैं। मगर नाग पंचमी से जुड़ी एक ऐसी भी मान्यता है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। जी हां, ये मान्यता या कहें परंपरा है मध्यप्रदेश के रायसेन जिल के गौरतगंज तहसील के सिद्ध स्थान राम रसिया दरबार ग्राम सिहोरा धाम की, जहां हर वर्ष नाग पंचमी पर नागों की खास विशेष पूजा नहीं बल्कि यहां पर नागों की अदालत लगती है। जी हां, आपको जानकर शायद हैरानी होगी मगर पंजाब केसरी के रिपोर्टर नसीम अली की रिपोर्ट के अनुसार यहां हर वर्ष नागों की इस अदालत में दूर-दूर से वे लोग शिरकत करते हैं जिनो सर्पदंश से परेशान होते हैं या फिर जिन लोगों की सांपों ने काटा होता है। 

बता दें रायसेन जिले के गैरतगंज तहसील के प्रसिद्ध राम रसिया दरबार मे जिले सहित प्रदेश के कई इलाकों से हर साल नाग पंचमी पर बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। इस साल भी यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे यानि यहां कोरोना काल में यहां लोगों को भीड़ में किसी तरह कमी नहीं पाई गई। हालांकि यहां ये सब पुलिस की मौज़ूदगी में ही हुआ।

इस नागों की अदालत में प्रदेश के कई इलाकों से सर्पदंश से सताए हुए लोग आते हैं इस दौरान सर्प के काटने वाले लोगों के शरीर में नाग की आत्मा को बुलाया जाता है और उससे काटने की वजह पूछी जाती है, जिसके बाद नाग की आत्मा बताती है कि इस व्यक्ति को क्यों काटा गया। इस कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।

अब इसे आस्था कहें या अंधविश्वास आप देखकर ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जहां एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और संपूर्ण मध्यप्रदेश में शनिवार एवं रविवार को टोटल लॉक डाऊन रखा गया, जिले के कलेक्टरों ने जिसके आदेश भी जारी किए हैं। तो वहीं बाबजूद इसके दूसरी ओर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन होना कई और बड़े सवाल खड़े करता है।

Jyoti

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