नाग पंचमी पर महिलाएं रखती हैं व्रत, इस पूजन विधि से होती है पूजा

Tuesday, Jul 21, 2020 - 06:20 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
इस माह यानि श्रावण मास की 25 तारीख को हिंदू धर्म के तमाम त्यौहारों में मुख्य माने जाने वाला नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। कहा जाता है इस मास में भगवान शंकर जितना अपनी पूजा से प्रसन्न  होते हैं, उतने ही प्रसन्न नाग देवता की अर्चना से होते हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन नाग देवती की पूजा आदि के साथ-साथ इन्हें दूध पिलाना बहुत लाभदायक माना जाता है। बता दें इस दिन सर्पों के देवता नाग देवती की पूजा होती है। तो वहीं ये भी कहा जाता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की आराधना से कुंडली में मौजूद सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। मगर एक मान्यता इस दिन के साथ और जुड़ी हुई है कि इस दिन महिलाओं द्वारा भी व्रत रखा जाता है और विधि वत पूजा किया जाता है। शास्त्रीय मान्यताओं की मानें तो ये व्रत महिलाएं नाग देवता को अपना भाई मानकर उनकी अर्चना करती हैं और उनसे अपने घर-परिवार की रक्षा करने का आशीष मांगती हैं। किंतु बहुत सी महिलाएं इनकी पूजन विधि से अवगत नहीं होती तो आइए आपको बता देते हैं कि इस क्या है इनकी पूजा काशुभ मुहूर्त और पूजन नियम व महत्व। 

नाग पंचमी  
वैसे तो हमने आपको उपरोक्त दी गई जानकारी में इससे जुड़ी काफी मान्यताएं बता दी हैं, लेकिन इससे जुड़ी एक किंवदंती ये भी है कि नाग पंचमी की पूजा का संबंध धन से है। शास्त्रों में कहा गया है कि नाग देव गुप्त धन की रक्षा करते हैं। यही कारण है कि कहा जाता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन में धन-समृद्धि का भी आगमन होता है। इसके साथ ही इस दिन की पूजा-अर्चना व्रती को मनोवांछित फल प्राप्ति भी करवाती है और कुंडली में कालसर्प दोष से राहत भी दिलवाती है।  

इन आठ नागों की होती है पूजा- 
अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर,कर्कट एवं शंख।
बता दें धार्मिक शास्त्रों में इन आठों नागों से जुड़े कई प्रसंग मिलते हैं, जिन में इनके महत्व के बारे में बाखूबी बताया गया है। 
यहां जानें पूजन का मुहूर्त-
पंचमी तिथि प्रारंभ - 14:33 (24 जुलाई 2020)
पंचमी तिथि समाप्ति - 12:01 (25 जुलाई 2020)  
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त - 05:38:42 बजे से 08:22:11 बजे तक
अवधि - 2 घंटे 43 मिनट

पूजन विधि- 
मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी व्रत के लिए तैयारी चतुर्थी के दिन से ही शुरू हो जाती है, व्रत रखने वाले को चतुर्थी के दिन केवल 1 बार ही भोजन करना चाहिए
पंचमी तिथि के दिन प्रातः उठकर स्नान करेना चाहिए, फिर पूजा-घर में नागदेव का चित्र चौकी पर स्थापित करें।ऑ
इसके बाद हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करना चाहिए। 
अब कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर लकड़ी के पट्टे पर बैठे सर्प देवता को अर्पित करें।
जब पूजा संपन्न हो जाए तो सबसे पहले नाग पंचमी की कथा सुनें और आख़िर में सर्प देवता की आरती उतारना बिल्कुल न भूलें।  

Jyoti

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