Muni Shri Tarun Sagar : णमोकार से लगाव रखोगे तो किसी से अलगाव नहीं होगा

Saturday, Mar 16, 2024 - 08:10 AM (IST)

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इंटैलीजैंट बच्चे
अब बेवकूफ बच्चे पैदा होना बंद हो गए हैं। बड़े इंटैलीजैंट बच्चे पैदा हो रहे हैं। एक पांच साल की लड़की दुकानदार से बोली, ‘‘अंकल जी! जब मैं बड़ी हो जाऊंगी तो आप अपने बेटे की शादी मुझसे कराएंगे क्या?’’
दुकानदार हंसा और बोला, ‘‘हां बेटी, क्यों नहीं?’’
लड़की बोली ‘‘तो फिर अपनी होने वाली बहू को एक चॉकलेट दे दो न।’’
चूंकि बच्चे कम्प्यूटराइज्ड हो गए हैं अत: उन्हें पारंपरिक ज्ञान से नहीं, आधुनिक विज्ञान से समझाएं।


अहंकार
जैनियों का मूलमंत्र है णमोकार। इस मंत्र में व्यक्ति को नहीं, वरन् शक्ति की अभिव्यक्ति को नमन किया गया है। इस मंत्र में पांच बार नमन कर अहंकार पर पांच चोट की गई हैं। णमोकार और अहंकार दो विपरीत ध्रुव हैं। संसार के इस पार अहंकार है, तो उस पार णमोकार है। ज्यों-ज्यों णमोकार की अग्नि प्रज्वलित होती जाती है, अहंकार की बर्फ पिघलती जाती है। णमोकार से लगाव रखोगे तो किसी से अलगाव नहीं होगा।



लक्ष्य के प्रति ईमानदारी
कोई भी काम कठिन नहीं होता। सिर्फ काम की शुरुआत कठिन होती है। आप कुछ भी कर सकते हैं। बस चलना शुरू कीजिए। मंजिल दूर तभी तक है, जब तक कि तुमने चलना शुरू नहीं किया। चल दिए तो समझो पहुंच गए। तुम्हें पता होना चाहिए कि जो फास्ट होगा, वही फर्स्ट होगा। सफलता का मंत्र नन्ही चींटी से सीखो, जो बगैर आराम किए निरंतर चलती है। अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार बनो। प्रलोभनों और आकर्षणों में मत बहो।


पुण्य से भरो झोली
पुण्य सबसे बड़ा सुरक्षा कर्मी है। अत: सत्कर्म करते चलो और पुण्य से झोली भरते चलो। केवल पैसा मत कमाओ। पैसे के साथ प्रतिष्ठा और प्रसन्नता भी कमाओ। पैसा तो वेश्या भी कमा लेती है। प्रतिष्ठा और प्रसन्नता पुण्य की हमजोली हैं। पैसा इस लोक में काम आ सकता है, परलोक में नहीं। परलोक में तो तुम्हारा पुण्य ही काम आएगा। वह पुण्य प्रभु के दर पर सिर झुकाने और प्रभु के बताए पथ पर चलने से मिलता है।

Niyati Bhandari

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