Muni Shri Tarun Sagar-  इन 2 बुराइयों की वजह से युवा पीढ़ी अपनी ‘वैल्थ’ और ‘हैल्थ’ कर रही है बर्बाद

Friday, Mar 01, 2024 - 08:03 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

आप क्या हैं ?
दुनिया में चार तरह के लोग हुआ करते हैं। भाग्यशाली, सौभाग्यशाली, महाभाग्यशाली और दुर्भाग्यशाली। जिसके पास धन है, वह भाग्यशाली। जिसके पास धन भी है और स्वास्थ्य भी है वह सौभाग्यशाली। जिसके पास धन भी है, स्वास्थ्य भी है और धर्म भी है, वह महाभाग्यशाली और जिसके पास न धन है, न स्वास्थ्य है और न ही धर्म है, वह दुर्भाग्यशाली। सोचिए आप क्या हैं?


स्वभाव की मैचिंग
जमाना मैचिंग का है। महिलाओं का ज्यादातर समय मैचिंग में बर्बाद होता है। मैं मैचिंग के खिलाफ नहीं हूं, मेरा निवेदन सिर्फ इतना है कि वस्त्रों और आभूषणों के साथ अपना स्वभाव भी ऐसा बनाओ कि वह कहीं भी मैच कर जाए। परिस्थिति के अनुरूप आदमी अपनी मन:स्थिति बना ले तो उनके पचास प्रतिशत दुख आज और अभी खत्म हो जाएं। स्वभाव की मैचिंग करने वाला ही सुखी रह सकता है।


जरूरत इसलिए है
एक सवाल : जब भगवान सब जगह हैं तो मंदिर और तीर्थों की जरूरत क्या है ? अरे भाई ! हवा तो सब जगह व्याप्त है, पर उसे महसूस करने के लिए पंखे की जरूरत हुआ करती है। ठीक इसी तरह भगवान को मंदिर और तीर्थों पर महसूस किया जाता है। गाय के पूरे शरीर में दूध है, पर उसे पाने का माध्यम थन है। भगवान घट-घट में है, पर उसे जानने का माध्यम देवायतन (मंदिर) है। मंदिर की प्रतिमा वैराग्य की प्रतिभा याद दिलाती है।


खुले विचारों का मतलब
लड़कियों का जींस-टी पहनना गलत नहीं है लेकिन उन्हें ऐसे कपड़े पहनने से बचना चाहिए, जिनमें फूहड़ता और अश्लीलता झलकती हो। खुले विचारों का मतलब मर्यादा की हदों को लांघना नहीं होना चाहिए। लड़कियों को देखना चाहिए कि फैशन परस्ती के नाम पर वे कुछ ऐसा तो नहीं कर रहीं, जो मर्यादा के खिलाफ हो। फैशन और व्यसन इन दो बुराइयों की वजह से युवा पीढ़ी अपनी ‘वैल्थ’ और ‘हैल्थ’ को बर्बाद कर रही है।

Niyati Bhandari

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