Muni Shri Tarun Sagar: जब तक जिओगे जिंदगी में उतार-चढ़ाव चलता रहेगा

Thursday, Apr 20, 2023 - 02:11 PM (IST)

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टी.वी. से सीखी चालाकी
आज टी.वी. ने सबको चालाक बना दिया है। कल तक जो कुली का काम करता था, आज वह स्मगलिंग का काम कर रहा है। सोचता है इतनी भारी अटैची सिर पर ढोता हूं। 10-20 रुपए मिलते हैं। ब्राऊन शूगर का छोटा-सा बैग बॉर्डर के इधर से उधर कर दूं तो 10000 रुपए मिलते हैं और वह कुलीगिरी से स्मगलिंग करने लगा।

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टी.वी. से बड़े ही नहीं, बच्चे भी चालाक हो रहे हैं। एक बच्चे ने अपनी आवाज बदल कर अपने टीचर को फोन करके कहा- आज मेरा लखन स्कूल नहीं आएगा। टीचर ने पूछा-आप कौन बोल रहे हैं। बच्चे ने कहा- जी मेरे पिता जी बोल रहे हैं।

गधा मजूरी
जिंदगी संघर्ष का नाम है। जब तक जिओगे जिंदगी में उतार-चढ़ाव चलता रहेगा। जिंदगी बम्बई की चौपाटी है जहां शोरगुल है। गांव का कब्रिस्तान नहीं, जहां एकदम शांति हो। कुम्हार का गधा मिट्टी लेकर जाता है तो सोचता है कि अब फ्री हो जाऊंगा लेकिन घर पहुंचता है तो उधर से बर्तन रख दिए जाते हैं कि जाओ इन्हें खेत पर छोड़ कर आओ। इस तरह वह जिंदगी भर गधा मजूरी करता है। इंसान भी तो यही कर रहा है।

भेड़ नहीं, शेर बनो
इंसान शेर के उस बच्चे की तरह जी रहा है जो भेड़-बकरियों के बीच पल कर बड़ा हुआ और मिमियाना सीख गया। जब कभी बकरियां शेर की आवाज सुनतीं, डरकर भागती हैं, साथ में वह शेर का बच्चा भी भागता है। एक दिन शेर ने उस भागते हुए बच्चे को पकड़ा और पूछा- तू तो शेर है, तू क्यों भागता है ? वह शेर का बच्चा तो समझ गया। ये परमात्मा के बच्चे समझ जाएं तो तरुण सागर का पसीना बहाना सार्थक हो जाएगा।

Niyati Bhandari

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