Muni Shri Tarun Sagar: प्रार्थना भी सांस है, आत्मा के लिए

Wednesday, Dec 14, 2022 - 08:07 AM (IST)

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टकराव बिखराव का कारण
टकराव टालिए। टकराव बिखराव का कारण है। दीवार से टकराओगे तो क्या होगा ? सिर फूटेगा। दीवार हो या आदमी, दोनों से टकराना ठीक नहीं है। तुम सीधे जा रहे हो और बीच में खम्भा आ गया तो अब तुम क्या करोगे ? चुपचाप घूमकर निकल जाओगे।
जीवन के हर मोड़ पर, सुबह से शाम तक ऐसे दसों लोग मिलेंगे, जो तुमसे टकराने के मूड में होंगे, लेकिन वे टकराने के लाख प्रयास करें, तुम्हें किसी से टकराना नहीं है। चुपचाप आगे बढ़ जाना है।

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चोर कौन है ?
चोर कौन है ? चोर की कई किस्में हैं। जो ताला तोड़कर ले जाता है वह चोर है। जिसका है उसे दिए बिना जो खाता है, वह चोर है। मेहनत कम नफा ज्यादा लेता है, वह चोर है।

प्रार्थना बिना जीवन अधूरा
जो माता-पिता की सेवा नहीं करता वह चोर है। अतिथि को खिलाए बिना जो खाता है, वह चोर है। आंगन में आए भिखारी को धक्का मारकर भगाए वह चोर है। किसी के भी दिल को दुखाता है, वह चोर है। अपने परिवार के उदर पोषण की जरूरत से ज्यादा प्रभु से मांगता है, वह चोर है। सोचिए आप इनमें से कौन-से चोर हैं।

मुल्ला नसरुद्दीन की पत्नी मर गई। किसी ने पूछा, क्या हुआ था ? मुल्ला ने कहा ‘‘सांस लेना भूल गई थी।’’

है न आश्चर्य। भला कोई सांस लेना भी भूलता है ? नहीं न। तो आदमी प्रार्थना करना क्यों भूल जाता है ? प्रार्थना भी सांस है, आत्मा के लिए। प्रार्थना प्राण है जीवन के लिए। जीवन में प्रार्थना नहीं तो जीवन अधूरा है।

Niyati Bhandari

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