Muni Shri Tarun Sagar: यदि आप टालमटोल करने में माहिर हैं तो...

Friday, May 27, 2022 - 09:31 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

दौर मिलावट का
आज देश और दुनिया में मिलावट का जबरदस्त दौर चल रहा है। मिलावट इस कदर बढ़ गई है कि कीड़े मारने की दवा में भी कीड़े पड़ने लगे हैं। यही नहीं ! अब तो मच्छर भी ‘मच्छरमार’ लिक्विड की शीशी पर बैठ कर मीटिंग करते हैं।  

जीने के लिए शुद्ध भोजन तो दूर, मरने के लिए असली जहर भी नहीं मिल रहा और यह मिलावट सिर्फ खाने-पीने की चीजों तथा दवाइयों तक ही सीमित न रह कर विचारों और आदर्शों में भी बदस्तूर जारी है।

इसी का नाम संसार है
पत्नी ने पूछा, ‘‘यदि मैं मर गई तो तुम क्या करोगे?’’  
पति ने कहा, ‘‘ऐसा कैसे हो सकता है, मैं तुम्हें मरने ही नहीं दूंगा।’’  
पत्नी ने कहा, ‘‘वह तो ठीक है मगर कल्पना करो कि यदि मैं मर गई तो तुम क्या करोगे?’’  
पति ने कहा, ‘‘क्या करूंगा? मैं तो बस पागल हो जाऊंगा।’’  
पत्नी बोली, ‘‘सच?’’  
पति बोला, ‘‘बिल्कुल सच।’’  
पत्नी ने खुश होकर पूछा, ‘‘इसका मतलब तुम दूसरी शादी नहीं करोगे?’’  
पति मुस्कुराया और बोला, ‘‘अब पागल आदमी का क्या भरोसा? वह तो कुछ भी कर सकता है।’’ 
इसी का नाम संसार है।

कल क्या होगा?
यदि आप टालमटोल करने में माहिर हैं तो जाहिर है कि आप खुद ही अपने दुश्मन हैं। आप खुद अपनी ही तरक्की से जलते हैं। तभी तो तरक्की से बचने के लिए टालमटोल करते हैं।  

किसी भी अच्छे काम को कल पर मत टालिए। इसमें नुकसान आखिर आप का ही होगा। कल का काम आज और आज का अभी कर डालिए। पता नहीं कल क्या होगा और यदि हर काम कल पर टाला तो पता है कल क्या होगा? बहुत बुरा !  

कुछ चीजें समय मांगती हैं
दुनिया में कुछ चीजें जल्दी उग जाती हैं मगर कुछ समय मांगती हैं। यदि गाजर-घास उगानी है तो दो-चार दिन बहुत हैं। मौसमी फूल उगाने हैं तो दो-चार दिन से काम नहीं चलेगा, दो-चार सप्ताह चाहिए और यदि ऐसे वृक्ष उगाने हैं जो सैकड़ों वर्ष तक रहें और जिनके नीचे हजारों-लाखों लोगों को विश्राम मिले, तो वे दो-चार सप्ताह में उगने वाले नहीं हैं। 

ऐसे वृक्षों को उगाने में पूरा जीवन लग जाता है और कभी-कभी तो जीवन भी कम पड़ जाता है। स्वर्ग, मोक्ष और परमात्मा ऐसे ही वृक्ष हैं।

Niyati Bhandari

Advertising