Muni Shri Tarun Sagar: हर व्यक्ति जीवन में ‘तीन फैक्टरियां’ खोले

Sunday, Feb 27, 2022 - 11:12 AM (IST)

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Muni Shri Tarun Sagar: परिवार वह उपवन है जहां सभी किस्म के, सभी प्रकार के फूल एक साथ खिल कर अपनी महक देते हैं। परिवार वह होता है जहां पवित्रता का निवास होता है, सामंजस्य का उजास होता है, अपनेपन का अहसास होता है, वाणी में मिठास होती है, उस परिवार का निश्चित विकास होता है। पर जहां इसका ह्रास होता है, उस परिवार का अंत में क्लेशमय विनाश होता है। ईंट, पत्थर, चूने से बना घर, घर नहीं मकान होता है। प्रेम, सामंजस्य और एकता के सूत्र में बंधा हुआ ही घर होता है, परिवार होता है।

परिवार में सबसे मुख्य स्थान होता है बड़े-बुजुर्गों का, जिस घर में बड़े बुजुर्गों का पवित्र साया है वह घर, घर नहीं स्वर्ग है। परिवार को संवारना और निखारना है तो परिवार में सकारात्मक चिंतन करना होगा। जीवन में हर व्यक्ति को तीन फैक्ट्रियां खोलनी चाहिएं- दिमाग में ‘आइस फैक्टरी’, मुंह में ‘शुगर फैक्टरी’ और दिल में ‘लव फैक्टरी’। जो इन तीन फैक्टरियों को खोल लेता है, वह परिवार को स्वर्गमय बना लेता है।

संस्कारी नारी ही टूटे रिश्तों को जोड़ सकती है। बहनें यदि जिद करना छोड़ देें और भाई लोग गुस्से को तिलांजलि दे दें तो परिवार के रिश्ते सुनहरे बन सकते हैं। शंका को दिल में स्थान न दें क्योंकि यह रिश्तों में दरार बड़ी तेजी से लाती है। आपस में एकता का अखंड दीप प्रज्जवलित रखें जिससे शांति की रोशनी परिवार में जगमगाती रहे।
सहयोगी संत मुनि भरत कुमार जी कहते हैं -
कैसे बने सुखी परिवार,
इस पर किया मैंने विचार,
एकता बने इसका आधार,
विनय का करे श्रृंगार,
बच्चों में आए सदसंस्कार,
आपस में हो मधुर व्यवहार,
तो निश्चय ही बन जाएगा सुखी परिवार।

Niyati Bhandari

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