Muni Shri Tarun Sagar: ऐसा व्यक्ति बनता है देवताओं का अतिथि

Tuesday, Feb 22, 2022 - 02:13 PM (IST)

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अतिथि-सत्कार 
अतिथि देवता है। घर में अतिथि आया हुआ हो तो अमृत ही क्यों न हो, अकेले नहीं पीना चाहिए। जिस घर में अतिथि-सत्कार नहीं होता, वह घर, घर नहीं, श्मशान है। उस की चौखट पर भूल कर भी पैर पड़ जाए तो स्नान करना चाहिए और जिस घर में अतिथि सत्कार में कभी चूक नहीं होती, वह घर, घर नहीं, तीर्थ है। उस घर की चौखट को छूने मात्र से तीर्थ दर्शन का फल मिलता है। जो गृहस्थ अतिथि को खिलाने के बाद खुद खाता है, वह कभी भूखा नहीं सोता। जो व्यक्ति जाने वाले अतिथि की सेवा कर चुका है और आने वाले अतिथि का इंतजार करता है, वह खुद देवताओं का अतिथि बनता है।

बस एक ही फर्ज
अगर आप एक पिता हैं तो आपका अपने बेटे के प्रति बस एक ही कर्तव्य है कि आप उसे इतना योग्य बना दें कि वह संत-मुनि और विद्वानों की सभा में सबसे आगे की पंक्ति में बैठने का हकदार बने। 

अगर आप बेटे हैं तो अपने पिता के प्रति बस यही एक कर्तव्य है कि आप ऐसा आदर्श जीवन जीएं जिसे देख कर दुनिया आपके पिता से पूछे कि किस तपस्या और पुण्य के फल से आपको ऐसा होनहार बेटा मिला।

तुमने सुना होगा कि ईश्वर की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता, मगर मैं कहता हूं कि तुम्हारे हिले बिना भी एक पत्ता नहीं हिलता। 

ईश्वर की इस मर्जी के नाम पर आज दुनिया में बड़े-बड़े पाप और संगीन अपराध हो रहे हैं। 

ऊपर वाले की मर्जी
एक आदमी शराब पीता है, उससे पूछो, ‘‘तू ऐसा क्यों करता है?’’ तो वह कहता है ‘‘मैं कहां करता हूं, यह सब तो ऊपर वाले की मर्जी है। सब उसकी मर्जी से हो रहा है।’’ 

मैं कहता हूं, ‘‘ऊपर वाले की मर्जी से कुछ नहीं होता। जो होता है, वह तुम्हारी अपनी मर्जी से होता है। इस ‘ऊपर वाले’ के नाम पर इस ‘नीचे वाले’ ने दुनिया को नरक बना रखा है।’’

हर आदमी भारत है
भारत एक धर्म राष्ट्र है। भारत का हर आदमी भारत है। तुम्हारी देह भारत का चलता-फिरता नक्शा है। तुम अपने दोनों हाथ कूल्हे पर रख कर खड़े हो जाओ तो स्वत: ही भारत का नक्शा बन जाएगा। 

तुम्हारा दाहिना हिस्सा राजस्थान है तो बाईं ओर बिहार व ओडिशा है। पेट मध्य प्रदेश है। पैर तमिलनाडु है। गला पंजाब है। माथा जम्मू-कश्मीर है, शायद इसीलिए वह आज भी सिरदर्द बना हुआ है।

Niyati Bhandari

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