कड़वे प्रवचन...लेकिन सच्चे बोल- पत्नी और धर्म पत्नी में अंतर

Tuesday, Jun 22, 2021 - 10:23 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

मां को दुख न दें
मां उस समय सर्वाधिक अपमान महसूस करती है जिस समय उसका बेटा पत्नी के सामने उसे डांटता है और आंखें दिखाता है। दुनिया के सभी रिश्तों में मां का रिश्ता सबसे बड़ा है क्योंकि उसकी आयु सभी रिश्तों से नौ माह अधिक हुआ करती है। मां कैसी भी हो, अगर आप उसे सुख नहीं दे सकते तो कम से कम दुख भी न दें। अपनी जेब में मां-बाप की तस्वीर रखें क्योंकि इसी तस्वीर ने तुम्हारी तकदीर बनाई है।

बड़ा कौन
बड़ा आदमी कौन है? क्या वह, जिसकी चार फैक्टरियां चल रही हैं? क्या वह, जिसके घर नौकर-चाकर, घोड़ा-गाड़ी हैं? क्या वह, जो हर रोज हजारों-लाखों में खेलता है? क्या वह, जिसके पास सत्ता है? कुर्सी है? नहीं, बड़ा आदमी वह नहीं, अपितु बड़ा आदमी वह है जो गरीबी में घबराता नहीं और अमीरी में इतराता नहीं। आदमी पैसे से नहीं अपितु दिल से बड़ा होता है।

गड़बड़ कहने-समझने में
एक आदमी अपने कुत्ते के साथ सुबह टहलने निकला। किसी ने पूछा, ‘‘इस गधे के साथ कहां जा रहे हो?’’ उसने कहा, ‘‘अबे! यह कुत्ता है, गधा नहीं।’’

वह व्यक्ति बोला, ‘‘जनाब! आपसे किसने पूछा। मैं तो कुत्ते से पूछ रहा था।’’ लगभग ऐसी ही दुर्घटना अध्यात्म-जगत में घट रही है। 

संत कहता कुछ है और आदमी समझता कुछ है। इसे कहने और समझने में जो कुछ-कुछ हो रहा है, वह सब कुछ गड़बड़ कर रहा है।

पत्नी और धर्म पत्नी में अंतर
पत्नी और धर्मपत्नी में अंतर है। जो पतन के मार्ग पर ले जाए वह पत्नी और खुद धर्म के मार्ग पर चले और अपने पति को भी चलाए वह धर्म पत्नी। आचार्य तिरुवल्लुवर ने कहा, ‘‘अच्छी पत्नी वह है जो पति की आय से अधिक व्यय नहीं करती तथा भले ही किसी भी देवी-देवताओं को न पूजती हो पर बिछौने से उठते ही पति को पूजती हो। अब पूजा जाने वाला पति कैसा होना चाहिए? निर्णय खुद करें।

विचारों में मिलावट
यह मिलावट का दौर है। यहां सिर्फ खाद्य पदार्थों और औषधियों में ही नहीं, बल्कि आदर्शों और विचारों में भी मिलावट है। मिलावट का दौर इतना जोरों पर है कि एक आदमी कीड़े मारने की दवा घर लाया। अगले दिन उसने दवा का डिब्बा खोल कर देखा तो कीड़े मारने की दवा में ही कीड़े पड़ गए थे। आज सच्चाई यह है कि खाने के लिए शुद्ध भोजन तो दूर, असली जहर भी नहीं मिल रहा।

Niyati Bhandari

Advertising