मौनी अमावस्या आज: रहें मौन, अश्वमेध यज्ञ के समान पाएं पुण्य लाभ

Tuesday, Jan 16, 2018 - 10:39 AM (IST)

आज 16 जनवरी को मौनी अमावस्या मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में व्रत-उपवास के साथ ही प्रमुख तिथियों पर तीर्थ क्षेत्र में स्नान करने का विधान है। इनमें भी प्रयाग स्नान की अगाध महिमा है। ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, आदित्य, मरुद्गण तथा अन्य सभी देवी-देवता माघ मास में संगम स्नान करते हैं ऐसा माना जाता है। इस स्नान को करने और कल्पवास करने वाले को अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। शास्त्र कहते हैं इस दिन मौन रहना अक्षय पुण्य प्रदान करता है। मौनी अमावस्या पर रखें कुछ विशेष चीजों का ध्यान 


किसी भी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सांझ ढले पीपल अथवा बड़ के पेड़ का पूजन करें तथा देसी घी का दीपक जलाएं। 


तामसिक वस्तुओं का सेवन न करें विशेषकर शराब का क्योंकि अमावस्या के दिन शराब पीने से शरीर पर ही नहीं, भविष्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। 


पुराणों के अनुसार अमावस्या तिथि के देव पितृ माने जाते हैं इसलिए इस दिन पितरों के नाम का शुद्ध शाकाहारी भोजन किसी जनेऊधारी ब्राह्मण को अर्पित करें अगर संभव न हो तो खीर ही अर्पित कर दें।


इस शुभ दिन पर किया गया दान बनाएगा आपको धनवान- स्वर्ण, कंबल और तिल।

 
दूध में अपनी छाया देखकर काले कुत्ते को पिलाएं। सभी तरह की मानसिक परेशानियां दूर होंगी।

 
गाय को आटे में तिल मिलाकर रोटी दें, घर-गृहस्थी में सुख-शांति आएगी।

 
सूखे या मृत कुएं में दूध बहाएं, सेहत ठीक रहेगी। रोग कोसों दूर रहेंगे।

 
लक्ष्मी जी, शिव परिवार को चावल की खीर अर्पित करें धन-संपत्ती से भंडार भरेंगे।

 
इन मंत्रों का करें जाप
अयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांचीर् अवन्तिका, पुरी, द्वारावतीश्चैव: सप्तैता मोक्षदायिका ||

गंगे च यमुनेश्चैव गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू ||


स्थानं स्वर्गेथ पाताले यन्मर्ते किंचिदत्तंम | तद्व्पोंत्य संधिग्धम पद्मयोंने प्रसादत: || 


गायत्री मंत्र – ॐ भू भुर्व: स्व: तत सवितुर्वरेण्यं | भर्गो देवस्य धीमहि | धियो यो न: प्रचोदयात् ||

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