Motivational Story: अहंकार को त्याग कर अपनाएं ये आदत, समाज में मिलेगा मान-सम्मान

Tuesday, Feb 27, 2024 - 10:45 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Motivational Story: एक बार बाबा फरीद से मिलने के लिए एक राजा आया। वह बड़ा अहंकारी था। वह बाबा के लिए उपहार स्वरूप एक नायाब तलवार लेकर आया। 

उसने बाबा से कहा,  “यह भेंट आपके लिए है।” 

भेंट देखकर बाबा फरीद बोले, “राजन, मैं शुक्रगुजार हूं कि तुम मेरे लिए बेशकीमती तलवार लेकर आए लेकिन यह मेरे किसी काम की नहीं। मुझे कुछ देना ही चाहते हो तो सुई के साथ ‘विनम्रता’ का उपहार दो। वह मेरे लिए ऐसी सौ तलवारों से भी अधिक कीमती होगा।”

बाबा की बात सुनकर राजा दंग रह गया। 

वह बोला, “बाबा सुई और ‘विनम्रता’ ऐसी सौ तलवारों का मुकाबला कैसे कर सकती है ?”

बाबा बोले, “तलवार लोगों को मारने-काटने का काम करती है, जबकि सुई सिलने का काम करती है। एक बेशकीमती तलवार सिर्फ मार-धाड़ और काटने का काम कर सकती है जबकि एक छोटी-सी सुई चीजों को जोड़ती है। तोड़ना आसान है और जोड़ना कठिन। इसी तरह विनम्रता से व्यक्ति उन सभी को जीत लेता है जिन्हें वह अहंकारवश नहीं जीत सकता।

तुम्हीं बताओ, ऐसे में कौन ज्यादा कीमती है ? तलवार, अहंकार या सुई और विनम्रता।” राजा समझदार था।

वह बाबा का संकेत समझ गया और उनके चरणों में अपना सिर रखकर बोला, “बाबा आज आपने मेरे जीवन की दिशा ही बदल दी है। 

आज से मैं जोड़ने का काम करूंगा और विनम्रता से अपनी प्रजा की सेवा करूंगा।” इसके बाद उसने तलवार फैंक दी और विनम्रता धारण कर अहंकार त्याग दिया। कुछ ही समय में वह दूर-दूर तक प्रसिद्ध हो गया।


 

Prachi Sharma

Advertising