Ramayan: श्री राम जैसे बनना चाहते हैं तो सीखें उनसे ये गुण

Monday, Apr 06, 2020 - 01:47 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जीवन एक ऐसा सफ़र है, जहां इंसान को हर तरह का अच्छा-बुरा तजुर्बा मिलता है। अच्छे पलों का तो हम भरपूर आनंद उठाते हैं। मगर मुश्किल की घड़ी में हम अक्सर अपने भाग्य को कोसने लगते हैं। क्या ये करना सही है? बिल्कुल नहीं। वक्त कैसा भी क्यों न हो अपने साथ-साथ कोई न कोई सबक ज़रूर लाता है। किंतु हम उस सीख को समझ पाने में सक्षम नहीं हो पाते।

जिस कारण हम हमेशा अपने जीवनकाल के उस समय में खोए रहते हैं, उससे ऊभर नहीं पाते जिसने हमें दुख दिया हो। ऐसा करना गलत भी नहीं है, कहते हैं अपने जीवन में आए अच्छे बुरे वक्त को हमेशा याद रखना चाहिए। पर इसका मतलब ये नही हैं कि आप अपने बुरे वक्त को लेकर बैठे रहें। बल्कि प्रत्येक व्यक्ति का ये फर्ज़ है कि वो अपने जीवन काल की मुश्किल घड़ियों से सीख लें और आगे बढ़े। 
 
हिंदू धर्म के तमाम ग्रंथ औऱ शास्त्र इस बात का परमाण भी हैं कि चाहे मनुष्य हो या भगवान हर किसी को कठिन परिस्थितियों का सामना करके आगे बढ़ना पढ़ता है। इसकी सबसे बड़ा उदाहरण है श्री राम जी की जीविनी। शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि न केवल मनुष्य को बल्कि प्राचीन काल में भगवान ने अपने जीवन को सफल बनाने के लिए कड़ी से कड़ी परीक्षा दी और उस में सफल हुए। मगर ऐसा क्यों हुआ क्या आप जानते हैं? 

इसका पहला कारण तो ये कि उन्होंने कभी धीरज नहीं खोया, दूसरा विकट से विकट घड़ी में उन्होंने अपनी सूझ-बूझ से फैसला लिया और सदैव समय से सीख हासिल की। 

कहने का तात्पर्य केवल इतना है कि हमेशा अपने आज में जीने का प्रयास करें। क्योंकि जो बीत गया वो कभी लौट नहीं सकता। अगर आप उसके दुख में रहेंगे तो जीवन में कभी कुछ हासिल नहीं कर पाएंगे। तो अगर जीवन में कुछ पाने की कामना रखते हैं तो आज ही अपने भूतकाल से बाहर निकलकर अपने आने वाले भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए पूरी निष्ठा से कार्य कीजिए।

Jyoti

Advertising