Kundli Tv- किसी भी युद्ध को जीतने के लिए अपनाएं ये हथकंडा
Thursday, Jul 05, 2018 - 01:43 PM (IST)
ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)
एक राजा के पड़ोसी राजा ने उसके राज्य के कुछ हिस्से पर कब्जा कर लिया। राज्य के इस हिस्से को पाने के लिए राजा शत्रु से 6 बार लड़ाई कर चुका था। हर बार उसे हारना पड़ा। इसके बावजूद उसने एक बार फिर हिम्मत की और अपनी भूमि प्राप्त करने के लिए 7वीं बार शत्रु राज्य पर चढ़ाई की। उसके सैनिक वीरता से लड़े किन्तु वे 7वीं बार भी हार गए। राजा को प्राणों के लाले पड़ गए। वह अपनी जान बचाकर भागा। भागते-भागते वह घने जंगल में पहुंच गया।
जंगल में बैठकर सोचने लगा कि 7वीं बार हारने के बाद अब शत्रु से राज्य प्राप्त होने की कोई आशा शेष नहीं रही और मुझे अब इस जंगल में रहकर ही अपना जीवन व्यतीत करना पड़ेगा। वह बुरी तरह हताश था। इसी स्थिति में उधेड़बुन में खोए हुए कब उसे नींद आ गई, पता ही नहीं चला। सुबह वह उठा तो देखा कि एक मकड़ी उसकी तलवार पर जाला बना रही है। वह ध्यान से इस दृश्य को देखने लगा। मकड़ी बार-बार गिरती और पुन: जाला बनाती हुई तलवार पर चढ़ती। इस तरह वह 10 बार नीचे गिरी और हर बार नए जोश व उत्साह से जाला बनाती हुई पुन: चढ़ी।
राजा इस दृश्य को बड़ी गंभीरता से देख रहा था कि वहां एक साधु आए। राजा को निराश देखकर बोले, ‘‘देखो राजन, मकड़ी जैसा तुच्छ जीव भी बार-बार हारकर निराश नहीं होता। युद्ध हारने को हार नहीं कहते, हिम्मत हारने को हार कहते हैं।’’
राजा ने कहा, ‘‘बाबा मैं तो सब कुछ हार चुका हूं।’’
तब साधु ने कहा, ‘‘ऐसा मत कहो, साहस बटोर कर अपने सैनिकों को पुन: एकत्रित करो और युद्ध करो।’’
राजा ने वैसा ही किया और युद्ध में जीत गया। असफलता पर निराश होकर निष्क्रिय हो जाने के स्थान पर अधिकाधिक प्रयत्नशील हो जाना चाहिए। इससे सफलता एक दिन अवश्य मिलती है।
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