Motivational Concept: क्षमा से जीत सकते हैं दिल

Wednesday, Nov 16, 2022 - 02:02 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
ब्रिटिश शासनकाल के समय हिन्दुस्तान के एक शहर में मैरी नाम की एक मृदुभाषी और सेवाभावी नर्स थी, किन्तु कुछ जातिवादी एवं संकीर्ण विचारधारा के लोग मैरी के कैथोलिक होने के कारण उससे घृणा करते थे। वे  उसे राह पर चलते हुए परेशान करते थे। कोई उसे पत्थर मारता तो कोई गलत शब्दों से उसे संबोधित करता था। मैरी उस ओर कभी ध्यान नहीं देती और अपने सेवा कार्य में लगी रहती थी।

एक दिन मैरी अस्पताल जा रही थी, तभी एक युवक ने उसे अपशब्द कहते हुए एक बड़ा-सा पत्थर उस पर फैंका। पत्थर मैरी के सिर पर लगा, जिससे सिर फट गया और रक्त से मैरी के कपड़े भीग गए, किन्तु मैरी चुपचाप अस्पताल चली गई। कुछ दिनों बाद उस नगर में स्थित कोयला खान में विस्फोट हो गया। विस्फोट में घायल हुए मजदूरों को जब अस्पताल लाया गया तो मैरी ने उनकी बहुत सेवा की। इनमें से कई वे लोग थे, जो मैरी का अपमान करते थे। मैरी ने उनके प्रति कोई बदले की भावना नहीं रखी। अब वे मैरी का सेवाभाव देखकर नतमस्तक हो गए।  उन्हें अपने किए पर पछतावा हो रहा था।

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इन्हीं में वह युवक भी था जिसने मैरी को पत्थर मारा था। आखिर एक दिन युवक मैरी के सामने रो दिया। जब मैरी ने कारण पूछा तो वह बोला, शायद आपने मुझे नहीं पहचाना दीदी, मैं वही हूं जिसने आप पर पत्थर फैंका था। मैरी ने स्नेह भरे शब्दों में कहा कि मेरे भाई, जब तुम यहां लाए गए थे, उसी समय मैंने तुम्हें पहचान लिया था। युवक ने आश्चर्य से पूछा फिर आपने मेरी इतनी सेवा क्यों की? मैरी उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोली, क्योंकि मैं तुझमें अपना भाई देखती हूं। युवक मैरी का जवाब सुनकर उसके पैरों में झुक गया और सदा के लिए उसका भाई बन गया।  

Jyoti

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