समस्याओं का बोझ, सुखी जीवन को कर देता है अस्त-व्यस्त

Saturday, Sep 10, 2022 - 11:56 AM (IST)

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एक प्रोफैसर कक्षा में दाखिल हुए। उनके हाथ में पानी से भरा एक गिलास था। उन्होंने उसे बच्चों को दिखाते हुए पूछा, ‘‘यह क्या है?’’

विद्यार्थिथयों ने उत्तर दिया, ‘‘गिलास’’। प्रोफैसर ने दोबारा पूछा, ‘‘इसका वजन कितना होगा?’’ 

उत्तर मिला, ‘‘लगभग 100-150 ग्राम।’’ 

उन्होंने फिर पूछा, ‘‘अगर मैं इसे थोड़ी देर ऐसे ही पकड़े रहूं तो क्या होगा?’’ 

विद्याॢथयों ने जवाब दिया, ‘‘कुछ नहीं।’’ ‘‘अगर मैं इसे एक घंटे पकड़े रहूं तो?’’ 

प्रोफैसर ने दोबारा प्रश्र किया। छात्रों ने उत्तर दिया, ‘‘आपके हाथ में दर्द हो सकता है।’’

उन्होंने फिर प्रश्र किया, ‘‘अगर मैं इसे लम्बे समय तक पकड़े रहूं तो क्या होगा?’’ 

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तब विद्यार्थियों ने कहा, ‘‘आपकी नसों में तनाव हो जाएगा। नसें संवेदनशून्य हो सकती हैं, जिससे आपको लकवा हो सकता है।’’ 

प्रोफैसर ने कहा, ‘‘बिल्कुल ठीक। अब यह बताओ क्या इस दौरान इस गिलास के वजन में कोई फर्क आएगा?’’ 

जवाब था कि नहीं।

तब प्रोफैसर बोले, ‘‘यही नियम हमारे जीवन पर भी लागू होता है। यदि हम किसी समस्या को थोड़े समय के लिए अपने दिमाग में रखते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं अगर हम देर तक उसके बारे में सोचेंगे तो वह हमारे दैनिक जीवन पर असर डालने लगेगी। हमारा काम और पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होने लगेगा।’’

अत: सुखी जीवन के लिए आवश्यक है कि समस्याओं का बोझ अपने सिर पर हमेशा नहीं लादे रखना चाहिए। समस्याएं सोचने से नहीं हल होतीं। सोने से पहले सारे समस्यायुक्त विचारों को बाहर रख देना चाहिए। इससे आपको अच्छी नींद आएगी और आप सुबह तरोताजा रहेंगे।

Jyoti

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