Motivational Concept: दुनियावी चीज़ों में नहीं खुद के अंदर तलाशें खुशी

Wednesday, Jul 27, 2022 - 11:24 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक महिला समुद्र के किनारे रेत पर टहल रही थी। समुद्र की लहरों के  साथ एक चमकदार पत्थर छोर पर आ गया। महिला ने वह नायाब-सा दिखने वाला पत्थर उठा लिया। दरअसल वह हीरा था। 

महिला ने चुपचाप उसे अपने पर्स में रख लिया लेकिन उसके हाव-भाव पर बहुत फर्क नहीं पड़ा। वहीं पास में खड़ा एक बूढ़ा व्यक्ति बड़े ही कौतूहल से यह सब देख रहा था। महिला के पास जाकर व्यक्ति ने उसके सामने हाथ फैलाया और बोला, ‘‘मैंने 4 दिनों से कुछ भी नहीं खाया है, क्या तुम मेरी मदद कर सकती हो।’’

महिला ने अपना पर्स खोला और कुछ खाने की चीज ढूंढने लगी। उसने महसूस किया कि वृद्ध की नजर उस पत्थर पर है, जिसे कुछ समय पहले उसने रेत में पड़ा पाया था।
 

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महिला ने झट से वह पत्थर निकाला और उसे दे दिया। वृद्ध व्यक्ति सोचने लगा कि कोई ऐसी कीमती चीज भला इतनी आसानी से कैसे दे सकता है। वृद्ध ने गौर से उस पत्थर को देखा। वह असली हीरा था। इतने में महिला वापस अपने रास्ते पर आगे बढ़ चुकी थी। व्यक्ति ने महिला से पूछा, ‘‘क्या तुम जानती हो, यह एक बेशकीमती हीरा है।’’

महिला बोली, ‘‘मुझे पता है लेकिन मेरी खुशी इस हीरे में नहीं, मेरे भीतर है। समुद्र की लहरों की तरह ही दौलत और शोहरत आती-जाती रहती है। अगर अपनी खुशी इनसे जोड़ेंगे तो कभी खुश नहीं रह सकते।’’

व्यक्ति को अपने लालची स्वभाव पर बड़ा दुख हुआ और उसने हीरा महिला को वापस कर दिया।

Jyoti

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