Motivational Concept: पराक्रम हो तो हर मुश्किल काम कर सकते हैं

Saturday, May 28, 2022 - 04:44 PM (IST)

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एक बार शिवाजी हैदराबाद के कुतुबशाह के पास गए तो उसने तंज कसते हुए कहा था कि आपकी सेना में चालीस हजार घोड़े दिखते हैं पर हाथी एक भी नहीं है। शिवाजी ने उत्तर दिया कि हमारी सेना का एक-एक सैनिक हाथी के बराबर शक्ति रखता है और वह हाथी से लड़ भी सकता है। आजमाने के लिए आप कोई भी सैनिक चुन लें। कुतुबशाह ने शिवाजी के पास ही खड़े दुबले-पतले साढ़े पांच फुट के एक सैनिक येसाजी कंक को चुन लिया।

कुतुबशाह के आदेशानुसार एक हाथी को उत्तेजित करके छोड़ा गया। हाथी गुस्से में येसाजी पर टूट पड़ा। येसाजी ने फुर्ती दिखाते हुए हाथी के पीछे जाकर उसकी पूंछ पकड़ ली। हाथी इससे और उत्तेजित हो गया और लगातार आक्रमण करने के लिए घूमता रहा। येसाजी जदी की पकड़ इतनी मजबूत थी कि हाथी अपनी पूंछ नहीं छुड़वा पाया। अंत में वह थक गया और क्रोध से हवा में सूंड उठाने और पटकने लगा। इसी दौरान अवसर पाकर येसाजी ने तलवार से उसकी सूंड एक ही वार में काट दी और वह जमीन पर गिर गया। 

यह देखकर कुतुबशाह को अपार आश्चर्य हुआ। उसने येसाजी को ईनाम देने को कहा। इस पर येसाजी ने कहा कि आप नहीं बल्कि हमारे राजा शिवाजी ही हमें कुछ भी देने को सक्षम हैं। महाराज के आदेश पर मैंने यह पराक्रम किया और इसे मैं उनके चरणों में अर्पित करता हूं। यह सुनकर कुतुबशाह गद्गद् हो गया।
 

Jyoti

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