Motivational Concept: शिष्टाचार का अनोखा ढंग

Friday, Apr 22, 2022 - 11:04 AM (IST)

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ईश्वरचंद्र विद्यासागर एक बार प्रैसीडैंसी कालेज के अंग्रेज प्रिंसीपल कैट से मिलने गए। उन्होंने देखा, कैट ने अपने पैर जूतों सहित मेज पर रखे हुए हैं और उन्होंने न तो विद्यासागर जी को बैठने के लिए कहा और  न ही अपने पैर नीचे किए।

विद्यासागर जी को बुरा तो लगा, लेकिन उन्होंने उस समय कुछ नहीं कहा और बातचीत करके चले आए। कुछ दिनों बाद मिस्टर कैट विद्यासागर के संस्कृत कालेज में गए। जब कैट ने कार्यालय में प्रवेश किया तो विद्यासागर ने जैसे को तैसा व्यवहार करते हुए अपने पैर जूतों समेत मेज पर रख लिए और उन्हें बैठने के लिए नहीं कहा। उनके इस व्यवहार से क्षुब्ध होकर कैट ने उनकी शिकायत शिक्षा परिषद के सचिव से कर दी।

सचिव ने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं ठहरा एक हिन्दुस्तानी। यूरोप के तौर-तरीके भला मैं क्या जानूं? 

कुछ दिन हुए मैं कैट से मिलने गया था तो मैंने उनको हू-ब-हू ऐसे ही  बैठा देखा था और वह मुझसे बैठने को कहे बिना ही बातचीत करते रहे।’’

पहले तो मुझे हैरानी हुई लेकिन फिर सोचा कि शायद यूरोप में शिष्टाचार का यही ढंग हो। लिहाजा जब वह मेरे ऑफिस में आए, तो मैं उसी शिष्टता से पेश आया। सचिव सारी बात समझ गए और उन्होंने मामले को रफा-दफा कर दिया।



 

Jyoti

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