Motivational Concept: जैसी संगत वैसा रंग

Wednesday, Mar 30, 2022 - 11:24 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
महान चीनी विचारक मेंसियस की मां एक समझदार महिला थी। अपने जीवन काल में उसने अपने बेटों के कारण तीन बार अपना निवास स्थान बदला। पहले वह एक कब्रिस्तान के पास रहती थी। एक दिन उसे लगा कि उसका बेटा धीरे-धीरे गहरे दुख में डूबता जा रहा है। दरअसल कब्रिस्तान में आने वाले लोग दुख से रोते बिलखते रहते थे। वह बालक उन्हें रोज ही देखता था इसलिए वह उन्हीं की तरह बर्ताव करने लगा।

मेंसियस की मां को चिंता हुई और उसने वहां से दूसरी जगह जाना तय कर लिया। अब वह चहल-पहल भरे बाजार में रहने लगी। कुछ समय बाद उसने देखा कि उसका बेटा मेंसियस एक दुकानदार की तरह बर्ताव करने लगा है। वह घर का सामान सजाकर एक दुकानदार की तरह बातचीत करने लगा। उसकी मां अपने बेटे का ऐसा व्यवहार देखकर चिंतित हो गई। उसने वहां से निकलना तय किया। इस बार उसने एक विद्यालय के पास मकान लिया।

वहां मेंसियस मेधावी विद्याॢथयों का अनुसरण करने लगा। वह अनेक विषयों की जानकारी पाने की कोशिश करने लगा और अनेक विषयों पर गहन अध्ययन करने लगा। मां यह देखकर बड़़ी प्रसन्न हुई। उसे लगा कि उसके बेटे पर माहौल का सही प्रभाव पड़ा है।

इस वातावरण में बड़ा होकर मेंसियस चीन का एक बहुत  बड़ा विद्वान बना। यह बात तो है, कि हमारे जीवन पर आसपास के माहौल का बहुत बड़ा फर्क पड़ता है। हम अपना जीवन जिस तरह के व्यक्तियों के बीच बिताते हैं उसी तरह की हमारी सोच बन जाती है। अत: हमें अच्छे लोगों के बीच अच्छे वातावरण में जीवन को आगे बढ़ाने का अवसर मिलता है।


 

Jyoti

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