आपकी Personality में वस्त्र नहीं बल्कि ये खूबी लगाती है चार चांद

Monday, Mar 07, 2022 - 12:28 PM (IST)

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डा. राजेन्द्र प्रसाद जब पहले दिन कालेज की क्लास में पहुंचे तो वहां का दृश्य देखकर दंग रह गए। लगा जैसे अंग्रेजों के किसी जलसे में आए हों। अधिकतर लड़कों ने कोट व पतलून पहन रखी थी। कुछ मुसलमान छात्र जरूर उनसे अलग दिख रहे थे, जो पायजामा और टोपी पहनकर आए थे।

राजेन्द्र प्रसाद की वेशभूषा मुसलमान छात्रों से मेल खाती थी। ये सभी एफ.ए. करने के लिए प्रैजीडैंसी कालेज में पढ़ते थे और मदरसे के छात्र कहलाते थे। इनकी उपस्थिति का रजिस्टर अलग रखा जाता था। जब अध्यापक ने हाजिरी के लिए नाम पुकारा तो राजेन्द्र प्रसाद अपना नाम पुकारे जाने की प्रतीक्षा करते रहे। जब उनका नाम नहीं पुकारा गया और अध्यापक ने रजिस्टर बंद कर दिया तो वह अपने स्थान पर खड़े हो गए। उन्हें देखकर सभी लड़के हंसने लगे।

राजेन्द्र प्रसाद बोले, ‘‘सर आपने मेरा नाम नहीं पुकारा।’’ 

अध्यापक ने कहा, ‘‘रुको, मैंने अभी मदरसे के छात्रों की उपस्थिति नहीं लगाई है।’’ 

राजेन्द्र प्रसाद बोले, ‘‘मैं मदरसे का छात्र नहीं हूं। मेरा नाम हाल में ही लिखा गया होगा।’’ 

अध्यापक ने पूछा, ‘‘तुम्हारा नाम क्या है?’’
 
राजेन्द्र बाबू ने अपना नाम बताया। अध्यापक ने आश्चर्य से कहा, ‘‘तो तुम राजेन्द्र प्रसाद हो, जिसने कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में टॉप किया है। 

राजेन्द्र प्रसाद ने सिर झुका लिया। उन्होंने देखा कि सभी छात्र उन्हें टकटकी लगाए देख रहे हैं। थोड़ी ही देर पहले उन पर हंसने वालों की नजरों में अब उनके प्रति सम्मान जाग उठा था। अध्यापक ने उनका नाम रजिस्टर में चढ़ाकर उनकी उपस्थिति लगा दी।

Jyoti

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