Motivational Concept: झूठा अंहकार ही है हमारे दुखों का कारण

Wednesday, Dec 08, 2021 - 05:25 PM (IST)

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एथेंस में सुकरात अपने शिष्यों को उपदेश दे रहे थे। तभी वहां एक धनी व्यक्ति उनसे मिलने के लिए पहुंचा, लेकिन सुकरात ने उस व्यक्ति की ओर ध्यान नहीं दिया, वह अपने काम में लगे रहे। धनी व्यक्ति को समझ आ गया कि सुकरात ने उसे नजरअंदाज कर दिया है। इससे वह क्रोधित हो गया। वह सुकरात के सामने पहुंचा और बोला कि क्या आप जानते हैं, मैं कौन हूं?

सुकरात ने उससे कहा कि आप यहां बैठें और मुझे बताएं कि आप कौन हैं? इसके बाद उन्होंने उस व्यक्ति को दुनिया का नक्शा दिया और कहा कि आप बताएं इसमें एथेंस कहां है? धनी व्यक्ति ने कहा कि दुनिया के नक्शे में तो एथेंस एक ङ्क्षबदू की तरह है। उसने एथेंस पर उंगली रखी और कहा, यह एथेंस है। सुकरात ने उससे फिर पूछा अब इसमें यह बताओ कि तु हारा घर कहां है?

दुनिया के नक्शे में एथेंस तो खुद ही एक ङ्क्षबदू है इसमें मेरा घर कैसे दिख सकता है?

धनी व्यक्ति ने कहा।

इस पर सुकरात ने कहा, जब इस नक्शे में तु हारा घर ही नहीं दिख रहा है तो तुम अपने बड़े घर में कहां हो? यह नक्शा तो सिर्फ एक पृथ्वी का है, ऐसी अनंत पृथ्वियां हैं, अनंत सूर्य हैं। इन सबमें तुम कहां हो? सुकरात की ये बातें सुनकर धनी व्यक्ति चुपचाप वहां से जाने लगा। तब सुकरात में उसे रोका और नक्शा देते हुए कहा कि इसे हमेशा अपने साथ रखना। जब तु हें अपने धन का अहंकार होने लगे तब इसे देख लेना, तु हारा घमंड दूर हो जाएगा।

सुकरात ने कहा कि अब तु हें समझ आ गया होगा कि इस ब्रह्मांड में हम कुछ नहीं हैं। हमारा झूठा अहंकार ही हमारे दुखों का मूल कारण है। इसे जितनी जल्दी छोड़ देंगे, उतना ज्यादा अच्छा रहेगा।

Jyoti

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