Motivational Concept: कैसे युद्ध में पाई जा सकती है विजय?

Thursday, Oct 21, 2021 - 12:27 PM (IST)

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राजा मुचकुंद विश्वविजय अभियान पर निकले और अपने शौर्य व पराक्रम के बल पर पृथ्वी के अधिकतर हिस्से पर अधिकार कर लिया। मुचकुंद ने कुबेर के राज्य की बहुत ख्याति सुनी थी। उनकी इच्छा हुई कि उसे भी जीतें। 

उन्होंने कुबेर के राज्य पर आक्रमण कर दिया, मगर कुबेर की सेना ने मुचकुंद की सेना के छक्के छुड़ा दिए। बुरी तरह से पराजित मुचकुंद अपने गुरु वशिष्ठ के पास पहुंचे और कहा, ‘‘आप जैसे सर्व शक्तिमान गुरु के होते हुए मुझे कुबेर के हाथों पराजित होना पड़ा है, मेरी सहायता करें।’’

वशिष्ठ ने मंत्र के बल पर कुबेर की सेना को शक्तिहीन बना दिया। जब कुबेर को इसका पता चला तो वह सीधे मुचकुंद के पास गए और बोले, ‘‘वशिष्ठ जी महान ज्ञानी और तपस्वी ऋषि हैं। मेरी सेना को शक्तिहीन बनाने के लिए उन्हें कष्ट देने की क्या आवश्यकता थी। मैं बिना युद्ध किए ही अपना समस्त राज्य आपको समर्पित करता हूं।’’ 

मुचकुंद पर इस बात का गहरा प्रभाव पड़ा। वह लज्जित होते हुए बोले, ‘‘पृथ्वी को जीत लेने की तुच्छ लालसा ने मेरा विवेक छीन लिया था। पृथ्वी को युद्ध में जीतने से अच्छा है उसे जन कल्याण करके जीतना।’’

Jyoti

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