Motivational Concept: दौलत चाहे चली जाए, परंतु ईमानदारी न जानें दें

Wednesday, Apr 21, 2021 - 11:16 AM (IST)

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सऊदी अरब में बुखारी नामक एक विद्वान रहते थे। वह अपनी ईमानदारी के लिए मशहूर थे। एक बार वह समुद्री जहाज से लंबी यात्रा पर निकले। उन्होंने सफर के खर्च के लिए एक हजार दीनार अपनी पोटली में बांध कर रख लिए। यात्रा के दौरान बुखारी की पहचान दूसरे यात्रियों से हुई।  

एक दिन बातों-बातों में बुखारी ने एक व्यक्ति को दीनार की पोटली दिखा दी। उस यात्री को लालच आ गया। उसने उनकी पोटली हथियाने की योजना बनाई। एक सुबह उसने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया कि मेरे एक हजार दीनार चोरी हो गए। जहाज के कर्मचारियों ने कहा, ‘‘हम एक-एक की तलाशी लेते हैं। चोर पकड़ा जाएगा।’’

यात्रियों की तलाशी शुरू हुई। जब बुखारी की बारी आई तो जहाज के कर्मचारियों और यात्रियों ने उनसे कहा, ‘‘अरे साहब, आपकी क्या तलाशी ली  जाए। आप पर तो शक करना ही गुनाह है।’’ यह सुन कर बुखारी बोले, ‘‘नहीं, मेरी भी तलाशी ली जाए।’’ बुखारी की तलाशी ली गई। उनके पास से कुछ नहीं मिला।

दो दिनों के बाद उस यात्री ने उदास मन से बुखारी से पूछा, ‘‘आपके पास तो एक हजार दीनार थे, वे कहां गए?’’

बुखारी ने मुस्कुरा कर कहा, ‘‘उन्हें मैंने समुद्र में फैंक दिया। तुम जानना चाहते हो क्यों? क्योंकि मैंने जीवन में दो ही दौलत कमाई थी, एक ईमानदारी और दूसरा लोगों का विश्वास। अगर मेरे पास से दीनार बरामद होते और मैं लोगों से कहता कि ये मेरे हैं तो लोग यकीन भी कर लेते लेकिन फिर भी मेरी ईमानदारी और सच्चाई पर लोगों का शक बना रहता। मैं दौलत तो गंवा सकता हूं लेकिन ईमानदारी और विश्वास को खोना नहीं चाहता।’’

Jyoti

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