Motivational Concept:- धन से नहीं खरीद सकते मित्र

Sunday, Apr 11, 2021 - 04:56 PM (IST)

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विश्ववि यात उद्योगपति हेनरी फोर्ड ने जीवन में वह सब कुछ हासिल किया, जिसकी हर आदमी को तमन्ना होती है। जब वे अपनी कीॢत और कमाई के उच्च शिखर पर आरुढ़ थे, तब एक पत्रकार ने उनसे पूछा, ‘‘महोदय, आपने अपने जीवन में प्रचुर मात्रा में धन स पत्ति के साथ-साथ यश और गौरव कमाया है। आपके सौजन्य से अनेक महान कार्यों का संपादन हुआ है। क्या आपको अब भी जीवन में किसी कमी का अनुभव होता है।’’

जैसे किसी दुखती रग पर हाथ रख दिया हो, हेनरी फोर्ड ने तपाक से कहा, ‘‘यह ठीक है कि मैंने पर्याप्त धन-संपदा और प्रतिष्ठा कमाई है किंतु मेरी जिंदगी में सच्चे मित्र की रिक्तता मुझे सालती रहती है। यदि मुझे फिर से जीवन शुरू करना पड़े तो मैं सच्चे मित्रों की तलाश करूंगा।’’

‘‘अगर आप ऐसा करें तो आपको जीवन में मित्र ही मित्र मिल सकते हैं। किंतु सच्चा मित्र तब भी नहीं मिलेगा।’’ पत्रकार ने दो-टूक जवाब दिया।
‘‘वह क्यों?’’ फोर्ड का प्रश्र था।

‘‘क्योंकि आप केवल धन के बल पर मित्रों की तलाश करना चाहते हैं। धन से सच्चे मित्र नहीं मिलते, उसके लिए अहंकार को गलाना पड़ता है, स्वयं को मिटाना पड़ता है। धन से संसार की हर चीज खरीदी जा सकती है, किंतु सच्चा हितैषी, सच्चा मित्र नहीं मिल सकता।’’

‘‘आप ठीक कहते हैं। मैंने बचपन में जिन मित्रों से हर तरह की सहायता और सहानुभूति पाई है वह मैं धन स पन्न हो जाने पर भी नहीं लौटा पाया। बल्कि धन और वैभव ने तो मेरे और मेरे मित्रों के बीच दीवार ही खड़ी कर दी है। अब बुढ़ापे में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिससे मैं अपने मन के उद्गार मन का दर्द और अपनी समस्याएं खुलकर कह सकूं। सचमुच मैं तो अत्यंत अभागा हूं। मेरे पास धन तो है लेकिन मित्र नहीं।’’

Jyoti

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