Motivational Concept: केवल इस अवस्था में मिलती है मनुष्य को शांति

Tuesday, Sep 01, 2020 - 06:19 PM (IST)

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एक बार एक संत अपने शिष्यों के साथ बैठे थे। अचानक उन्होंने सभी शिष्यों से एक सवाल पूछा। बताओ जब दो लोग एक-दूसरे पर गुस्सा करते हैं तो जोर-जोर से चिल्लाते क्यों हैं? शिष्यों ने कुछ देर सोचा और एक ने उत्तर दिया, ‘‘हम अपनी शांति खो चुके होते हैं, इसलिए चिल्लाने लगते हैं।’’ संत ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘दोनों लोग एक-दूसरे के काफी करीब होते हैं तो फिर धीरे-धीरे भी तो बात कर सकते हैं। आखिर वे चिल्लाते क्यों हैं?’’

कुछ और शिष्यों ने भी जवाब दिया लेकिन संत संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने खुद उत्तर देना शुरू कर दिया। वे बोले, ‘‘जब दो लोग एक-दूसरे से नाराज होते हैं तो उनके दिलों में दूरियां बहुत बढ़ जाती हैं। जब दूरियां बढ़ जाएं तो आवाज को पहुंचाने के लिए उसका तेज होना जरूरी है। दूरियां जितनी ज्यादा होंगी उतनी तेज चिल्लाना पड़ेगा।’’

दिलों की ये दूरियां ही दो गुस्साए लोगों को चिल्लाने पर मजबूर कर देती हैं। वे आगे बोले, ‘‘जब दो लोगों में प्रेम होता है तो वे एक-दूसरे से बड़े आराम से और धीरे-धीरे बात करते हैं। प्रेम दिलों को करीब लाता है और करीब तक आवाज पहुंचाने के लिए चिल्लाने की जरूरत नहीं। जब दो लोगों में प्रेम और भी प्रगाढ़ हो जाता है तो वे फुसफुसा कर भी एक-दूसरे तक अपनी बात पहुंचा लेते हैं। इसके बाद प्रेम की एक अवस्था यह भी आती है कि फुसफुसाने की ज़रूरत भी नहीं पड़ती। एक-दूसरे की आंख में देख कर ही समझ आ जाता है कि क्या कहा जा रहा है?’’ 

शिष्यों की तरफ देखते हुए संत बोले, ‘‘अब जब भी कभी बहस करें तो दिलों की दूरियों को न बढऩे दें। शांतचित और धीमी आवाज में बात करें। ध्यान रखें कि कहीं दूरियां इतनी न बढ़ जाएं कि वापस आना ही मुमकिन न हो।’’ 

इससे यह शिक्षा मिलती है कि हमें क्रोध न करके दिलों के करीब रहना चाहिए न कि दिलों से दूर। इसलिए संत कहते हैं कि मौन की अवस्था में होना ही शांति की अवस्था में होना है।

Jyoti

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