प्ररेक प्रसंग- हजरत उमर साहब ने बताई शराब की बुराईयां

Tuesday, Jul 21, 2020 - 11:01 AM (IST)

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हजरत उमर साहब रात्रि के समय बस्ती की गली से गुजर रहे थे कि उन्हें एक मकान से शोर सुनाई दिया। उन्होंने दरवाजा खोलकर देखा कि एक महिला तथा उसका साथी पुरुष हाथों में शराब के गिलास लिए जोर-जोर से हंस रहे हैं।

उमर साहब ने यह देखा तो उन्हें गुस्सा आ गया। उन्होंने दोनों को डांटते हुए कहा, ‘‘तुम कैसे इंसान हो, शराब जैसी नापाक नशीली चीज का खुलकर उपयोग कर रहे हो। रात में जोर-जोर से हंस कर पड़ोसियों की नींद में खलल डालने का गुनाह भी कर रहे हो।’’ दोनों ने अपने सामने हजरत उमर को देखा तो वे सकपका गए। पुरुष ने विनम्रता से कहा, ‘‘हजरत यह सच है कि हम शराब पीने का गुनाह कर रहे हैं परन्तु आप तो एक की जगह दो गुनाहों के अपराधी हैं।’’

‘‘मैंने कौन से गुनाह कर दिए?’’ 

उसने उत्तर दिया, ‘‘अल्लाह का कहना है कि दूसरे के गुनाह को अनदेखा करना चाहिए। आपने मकान में झांक कर हमारे गुनाहों को देखा, पहला अपराध यह किया। आपको हमारा अपराध देखते ही गुस्सा आ गया, दूसरा अपराध आपसे यह हुआ।’’

हजरत उमर को एहसास हुआ कि वास्तव में उन्हें कुछ अधिक गुस्सा आ गया था। अब उन्होंने बहुत ही विनम्रता के साथ शराब की बुराइयों के बारे में अवगत कराकर उन्हें भविष्य में शराब न पीने का संकल्प दिलाया।     
 
—शिव कुमार गोयल

Jyoti

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