क्या होती है सकारात्मक सोच

Monday, Dec 07, 2020 - 06:12 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया के दौगन॒ है। किसी बगीचे में अगर कोई फर्नीचर बनाने घटनास्थल पर एक व्यक्ति ने गुस्से में आकर वाला पहुंचेगा तो वह पेड़ की लकड़ी की क्वालिटी पुलिस कप्तान की वर्दी पर थूक दिया। अपने वरिष्ठ और मात्रा को देख कर सोचेगा इससे क्या-क्या अधिकारी के 5 इस अभद्रता पर कप्तान बनाया जा सकता है। अपने अंतर्मन में शत्रुता के के साथी पुलिस उस व्यक्ति को पकड़ने भावलिए उस बगिया में पहुंचने वाला व्यक्ति कोई के लिए आगे बढ़े। एक ने तुरंत रिवॉल्वर निकाल नकोई कांटा, सूखा पेड़- पत्ते ढूंढ ही लेगा। इसके लिया और वह गोली चलाने ही वाला था उलट हृदय में प्रेम की सौगात रखने कि तभी पुलिस कप्तान ने उससे रिवॉल्वर 6250 वाले व्यक्ति की दृष्टि खिलते फूलों व वापस रखने को कहा। पुलिस कप्तान ने नईउगी टहनियों को निहारेगी। 

वह उनकी रुमाल निकाला और थूक पोंछ कर रुमाल को सुगंध और सौंदर्य का आनंद लेगा। यह दृष्टिकोण फैंक दिया।  इसके बाद थूकने वाले से बात करने का अंतर ही तो है जो हमें दुख में भी सुख की लगा। सभी पुलिसकर्मी और मौके पर उपस्थित अनुभूति देता है। लोग यह देखकर हैरान रह गए। पुलिस कप्तान हमारे बीच सत्य को लेकर नहीं, प्रतिबिंबों ने उन सबको समझाते हुए कहा, “जो काम रुमाल को लेकर विवाद हैं। पांच कटोरों में पानी रखकर सेनिपटसकता है उसके लिए रिवॉल्वर निकालने सूर्य को देखा जाए तो उसके पांच प्रतिबिंब नजर की कोई आवश्यकता नहीं।' आएंगे।" 

लेकिन सूर्य कभी भी पांच हिस्सों में नहीं यहहै सकारात्मक सोच शांति और प्रसन्नता बंट सकता। श्रेष्ठतम दृष्टिकोण यह है कि पांच के साथ सफलता की बुनियाद भी यही सोच है। कटोरों में सूर्य का प्रतिबिंब दिखाई देने पर भी, यही सार्थकता की नींव है, समृद्धि की कुंजी है, बीस दीपकों की प्रकाश-ज्योति अलग से दिखाई सुख का आधार है, स्वर्ग और आनंद का मार्ग देने पर भी हम इस बात पर विश्वास करें कि सूर्य है। का को ठीक से न अपनाने के एक है, प्रकाश-ज्योति एक है। सूर्य, चंद्र को कारण संबंधों में दरारें पड़ जाती हैं। जानने के लिए कटोरे माध्यम तो हो सकते हैं। अंतत:समाज टुकड़े-टुकड़े होकर बिखरने लगता. परंतु सूर्य या चंद्र कदापि नहीं बन सकते। 

Jyoti

Advertising