Motivational Concept:  मुसीबत के समय दूसरों के काम आएं

Friday, Sep 23, 2022 - 11:27 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
महाराजा प्रताप सिंह जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय शासक थे। प्रजा के सुख-दुख को जानने के लिए वे वेश परिवर्तन कर गांवों में घूमा करते थे। एक बार राजा घोड़े पर बैठकर जा रहे थे, तब उन्होंने देखा, पाल पर एक युवक अचेतन अवस्था में पड़ा है। वे घोड़े से नीचे उतरे। युवक के शरीर का स्पर्श किया तो ज्ञात हुआ कि युवक तेज बुखार से ग्रसित है। उन्होंने पानी की पट्टी सिर पर लगाई। जब युवक होश में आया तो पूछा-तुम कौन हो, कहां जा रहे हो?


युवक ने कहा-मैं जम्मू जा रहा हूं, पर तेज बुखार आ जाने से चक्कर खाकर यहां पर गिर पड़ा, आपने कृपा की मुझ अंजान व्यक्ति की सेवा की, जिससे मैं बच गया हूं। राजा प्रताप सिंह ने पूछा-जम्मू में तुम्हारा क्या काम है? 

वहां मेरी ससुराल है। आपने लक्ष्मी नौकरानी का नाम सुना होगा जो महाराजा के महलों की नौकरानी है। उसी की पुत्री से मेरा विवाह हुआ है। मैं अपनी पत्नी को ले जाने के लिए आया हूं।

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महाराजा ने कहा-युवक! तुम मेरे घोड़े पर  बैठ जाओ। मैं तुम्हें लक्ष्मी के घर पहुंचा दूंगा। देखो! अभी भी तुम्हें बुखार है, पैदल चल नहीं सकोगे। यह कहकर युवक को घोड़े पर बिठा दिया और स्वयं लगाम पकड़ कर आगे-आगे चल दिए। वे महलों में पहुंचे। लक्ष्मी ने जब देखा तो उसके रौंगटे खड़े हो गए। उसने कातर स्वर में अपने दामाद के अपराध की क्षमा-याचना करते हुए कहा-इनसे भयंकर भूल हुई  है। इन्होंने आपश्री को नहीं पहचाना है।

महाराजा ने कहा-लक्ष्मी घबराओ मत, मैं स्वयं ही इसे बिठाकर लाया हूं। मैं राजा बाद में हूं, पहले मनुष्य हूं। यदि मनुष्य के मनुष्य काम न आए तो वह मनुष्य नहीं, हैवान है। लक्ष्मी और उसका दामाद राजा के प्रति नतमस्तक हो गए और बोले आप इंसान के रूप में फरिश्ते हैं।
 

Jyoti

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